देवरिया डेस्क, नगर क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों को लेकर प्रशासन द्वारा सक्रियता बढ़ा दी गई है। इसी कड़ी में सीसी रोड पर जल निगम द्वारा बनाए जा रहे नाले के मार्ग में अवरोध बन चुके अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई आज सख्ती के साथ की गई। लंबे समय से सरकारी भूमि पर कब्जा कर बैठे लोगों के खिलाफ यह अभियान प्रशासनिक टीम की मौजूदगी में सफलतापूर्वक संपन्न कराया गया।
स्थल पर उपस्थिति से बनी कार्यवाही की पारदर्शिता
सुबह से ही नगर के सीसी रोड पर गतिविधियों की हलचल शुरू हो गई थी, जब एडीएम (प्रशासन) जैनेंद्र सिंह की अगुवाई में प्रशासनिक दल ने स्थल पर पहुंचकर निरीक्षण प्रारंभ किया। उनके साथ ईओ संजय तिवारी, जल निगम के अधिशासी अभियंता, तहसीलदार सदर और नगरपालिका के अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। इससे पहले स्थानीय लोगों को अतिक्रमण हटाने के लिए सूचित किया जा चुका था।
नाले के निर्माण में अवरोध बन चुके स्थायी और अस्थायी ढांचों को हटाने का कार्य जेसीबी और पोकलेन मशीनों की सहायता से व्यवस्थित तरीके से शुरू किया गया। मशीनों की आवाज और कार्यप्रणाली से यह स्पष्ट किया गया कि प्रशासन अब किसी भी अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं करेगा।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया और प्रशासन की संतुलित रणनीति
जब अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई, तो कुछ भवन स्वामियों द्वारा प्रशासन से अनुरोध करते हुए 24 घंटे का समय मांगा गया। इन लोगों ने यह आश्वासन दिया कि वे स्वयं अपने संसाधनों की मदद से अतिक्रमण हटवा देंगे।
प्रशासन द्वारा इस प्रस्ताव को मानते हुए निर्धारित समय सीमा तक का अंतिम अवसर प्रदान किया गया, साथ ही यह चेतावनी भी दी गई कि निर्धारित अवधि के बाद कोई रियायत नहीं दी जाएगी। यह रुख दर्शाता है कि प्रशासन द्वारा मानवीय पहलू को ध्यान में रखते हुए कठोरता और संवेदनशीलता के बीच संतुलन बनाए रखा गया।
अवैध कब्जों पर प्रभावी कदम और निष्पक्ष दृष्टिकोण
यह देखा गया कि वर्षों से नगर की सार्वजनिक भूमि पर कई लोग अनधिकृत रूप से कब्जा जमाए हुए थे। जल निगम की इस महत्त्वपूर्ण परियोजना में बाधा बन चुके इन ढांचों को हटाने के लिए प्रशासन ने पूरी योजना के साथ कार्य किया।
कार्रवाई के दौरान कुछ अवैध निर्माणों को तत्काल हटाया गया, जबकि अन्य को चिन्हित करते हुए नोटिस जारी किया गया। नगर के विकास कार्यों को गति देने के लिए यह आवश्यक कदम माना गया और इससे नागरिकों में सकारात्मक संदेश भी गया।
मशीनरी और तकनीकी सहयोग से हुई त्वरित प्रगति
अभियान के दौरान प्रशासन की ओर से जेसीबी और पोकलेन जैसी उन्नत मशीनों का प्रयोग करके अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को तीव्र और व्यवस्थित रूप दिया गया। इसके उपयोग से जहां कार्य की गति तेज हुई, वहीं आसपास के लोगों को भी असुविधा कम झेलनी पड़ी।
जल निगम की ओर से तकनीकी पर्यवेक्षण के अंतर्गत प्रत्येक ढांचे की स्थिति का मूल्यांकन कर उसके अनुसार कार्य किया गया। इससे यह स्पष्ट हुआ कि प्रशासन केवल हटाने पर जोर नहीं दे रहा, बल्कि तकनीकी दृष्टिकोण से कार्य को न्यायसंगत और प्रभावी बना रहा है।
नगर को स्वच्छ और व्यवस्थित बनाने की दिशा में एक कदम
इस कार्रवाई को केवल अतिक्रमण हटाने तक सीमित न मानते हुए प्रशासन ने यह भी संकेत दिया है कि नगर क्षेत्र को स्वच्छ, सुंदर और व्यवस्थित बनाने की दिशा में यह एक आवश्यक पहल है।
नगरपालिका अधिकारियों द्वारा यह जानकारी दी गई कि भविष्य में इसी प्रकार के अन्य स्थानों पर भी अभियान चलाए जाएंगे, जहां सार्वजनिक स्थानों पर अवैध कब्जे मौजूद हैं। यह कार्यवाही अब एक निरंतर प्रक्रिया के रूप में देखी जाएगी।
प्रशासन के पक्ष में जनसमर्थन और भविष्य की योजना
स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह कार्य वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान लाने वाला है। कई निवासियों ने कहा कि नाले का निर्माण होने से जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान संभव हो पाएगा।
प्रशासन द्वारा संकेत दिया गया कि जो व्यक्ति स्वेच्छा से सहयोग नहीं करेगा, उसके विरुद्ध नियमानुसार कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। वहीं, जो नागरिक सहयोग कर रहे हैं, उनके प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाया जाएगा।
-अमित मणि त्रिपाठी