दिल्ली-एनसीआर के लोगों को हफ्तों बाद वायु प्रदूषण से निजात मिली थी, लेकिन तीन दिन की राहत के बाद दिवाली की रात में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण फिर से गंभीर श्रेणी में चला गया। प्रदुषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली के पहले ही पटाखों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन दिल्ली और एनसीआर के लोगों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए जमकर आतिशबाज़ी की। इससे राजधानी और इसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रदूषण फिर से पहले की तरह खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है।
दिल्ली के इन इलाकों में जमकर आतिशबाजी
दिल्ली के शाहपुर जाट, हौज खास, डिफेंस कॉलोनी, छतरपुर, ईस्ट ऑफ कैलाश, मंदिर मार्ग और पहाड़गंज उन कुछ इलाकों में शामिल हैं, जहां शाम 6 बजे के बाद जमकर आतिशबाजदी हुई। मोहल्ले और आसपास के बहुत से लोग अपने घरों से बाहर नहीं निकले।
किन इलाकों में AQI सबसे खराब
सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (सीएसई) के वायु प्रदूषण नियंत्रण सेल के प्रधान कार्यक्रम प्रबंधक विवेक चट्टोपाध्याय ने बताया कि कई इलाकों में एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में है। आतिशबाजी के बाद से वायु प्रदूषण का स्तर और बढ़ गया है। जिससे हवा रुक गई है और इसकी गति और धीमी हो गई है। प्रदूषण बढ़ रहा है और अगर ऐसे ही हालात रहे तो एक्शन प्लान को लागू किया जाएगा।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में बनी हुई है। आनंद विहार में एक्यूआई 296, आरके पुरम में 290, पंजाबी बाग में 280 और आईटीओ में 263 रहा। दिल्ली के कर्तव्य पथ, आजादपुर, राजघाट और इसके अलावा नोएडा में वायु गुणवत्ता खराब श्रेणी में पहुंच गई है।
इन शहरों में एक्यूआई 300 पार
इसके अलावा देश के कई प्रमुख शहरों एक्यूआई बद से बदतर हो गया है। दिवाली के अगले दिन यानी सोमवार (13 नवंबर) को ओडिशा के भुवनेश्वर में एक्यूआई 340, कटक में 317,अंगुल में 306, बालासोर में 334, तालचेर में 352, बिहार के बेगुसराय में 381, भागलपुर में 336, गया में 311, पटना में 338, पूर्णिया में 338, राजगिर में 352, कटिहार में 315, राजस्थान के धौलपुर में 320, कोटा में 304, महाराष्ट्र के धुले में 316 पर पहुंच गया है।
क्या है एक्यूआई का पैरामीटर
गौरतलब है कि एक्यूआई शून्य से 50 के बीच ‘अच्छा’, 51 से 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 से 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 से 300 के बीच ‘खराब’, 301 से 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 से 450 के बीच ‘गंभीर’ माना जाता है। एक्यूआई के 450 से ऊपर हो जाने पर स्थिती ‘अति गंभीर’ श्रेणी आ जाती है।
आनंद विहार में 2000 तक पहुंचा पीपीएम
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के मुताबिक, आनंद विहार में, PM2.5 के स्तर की सांद्रता रविवार शाम 5 बजे तक 56 पीपीएम के भीतर अंदर थी, जो आधी रात को लगभग 2000 पीपीएम तक बढ़ गई। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट ने 7 नवंबर को ही हर राज्य को आदेश जारी किया था कि बेरियम युक्त पटाखों पर बैन लगया जाए। जिससे प्रदुषण को फैलने से नियंत्रित किया जा सके।
प्रदुषण फैलने से होगी मुश्किलें
दिल्ली और आसपास के इलाके पिछले कुछ हफ्तों से प्रदूषण की मार झेल रहे है। बहुत जगहों पर एक्यूआई ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंच गया और कई दिनों तक जहरीला बना रहा। दीपावली के बाद, अब यह संभावना है कि दिल्ली और एनसीआर के इलाकों में फिर से प्रदूषण के स्तर में वृद्धि होगी, इससे लोगों की काफी मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
हाल ही में, प्रदूषण को देखते हुए आप सरकार के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। सरकार ने शहर में प्रदूषण से हो रही खराब हवा से निपटने के लिए ‘कृत्रिम बारिश’ पर विचार किया था, लेकिन तबतक अचानक हुई बारिश से बड़ी राहत मिली थी। जिससे प्रदूषण का स्तर भी काफी कम हो गया था।