दिल्ली में बड़ते प्रदुषण को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पटाखे जलाने पर बैन का आदेश जारी किया था लेकिन दिवाली की शाम लोगों ने आदेश की धज्जियां उढ़ाते हुए जमकर आतिशबाजी की। जिसके बाद से फिर दिल्ली ही नहीं बल्कि एनसीआर की भी आबोहवा पूरी तरह से बिगड़ गई है। दिल्ली का एक्यूआई 900 के पार पहुंच गया है। जिसे देखते हुए आप सरकार ने बैठक बुलाई है। पिछले 24 घंटों में प्रदूषण में 140 फीसदी की भारी वृद्धि दर्ज की गई है।
दिवाली बाद बढ़ गया एक्यूआई
दिवाली के एक दिन बाद फिर से दिल्ली की आबोहवा गंभीर स्तर पर पहुंच गई है। दिवाली के एक दिन बाद हवा में मौजूद सभी कणों में सबसे हानिकारक पीएम 2.5 आज सुबह 7 बजे 200.8 दर्ज किया गया। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, दिवाली की सुबह ये आंकड़ा 83.5 था।
एनसीआर में भी बढ़ रहा प्रदूषण
सीपीसीबी के आंकड़ों के मुताबिक दिल्ली के रोहिणी, आईटीओ और दिल्ली आईजीआई समेत ज्यादातर इलाकों में प्रदूषण का स्तर एक्यूआई 500 तक पहुंच गया है। वहीं, दिल्ली के लाजपत नगर और जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम सहित कई इलाकों में एक्यूआई 900 से ऊपर चला गया है। कल दिवाली के दिन दिल्ली में आठ वर्षों में सबसे अच्छी एक्यूआई देखी गई थी। लेकिन, सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन के बाद एनसीआर में आज सुबह अधिकांश इलाकों का एक्यूआई 500 के पार हो गया।
6 कैटेगरी में बांटा गया एक्यूआई
हवा की गुणवत्ता के बारे में अच्छे से पता करने के लिए एक्यूआई को 6 कैटेगरी में बांटा गया है।
0-50 = शुद्ध हवा है
51-100 = संतोषजनक हवा है
101-200 = मध्यम
201-300 = खराब हवा है
301-400 = बेहद खराब हवा है
410-500 = गंभीर श्रेणी
कैसे मापी जाती है हवा की गुणवत्ता
हवा की गुणवत्ता को जानने के लिए सरकार अलग-अलग जगहों पर एयर क्वालिटी मापने वाला मीटर लगाती है। यह मीटर एक थर्मामीटर की तरह काम करता है और हवा की गुणवत्ता जांचने का काम करता है। हवा की गुणवत्ता खराब होने से आंख, गले और फेफड़े से जुड़ी तकलीफ बढ़ने लगती है। बच्चों और बूढों पर इसका सबसे बड़ा खतरा होता है। कई लोगों को तो खांसी और सांस लेने में तकलीफ भी होती है।