रविवार को नोएडा महानगर में हिंदूवादी संगठनों ने कांग्रेस के नेता राहुल गांधी का पुतला फूंका। यह घटना राहुल गांधी द्वारा संसद में हिंदू समाज को हिंसक बताए जाने वाले बयान के बाद हुई, जिससे हिंदू समाज में गहरा आक्रोश पैदा हुआ है। इस बयान के बाद से ही हिंदू समाज में राहुल गांधी के प्रति नाराजगी बढ़ गई है।
राहुल गांधी के बयान से उपजा आक्रोश
पिछले सप्ताह संसद में दिए गए भाषण में राहुल गांधी ने हिंदू समाज को हिंसक बताया, जिससे हिंदू समाज में राहुल गांधी के प्रति गुस्सा भड़क उठा। यह बयान तब आया जब देश में सामाजिक और धार्मिक सौहार्द्र को मजबूत करने की जरूरत है। हिंदू समाज ने इस बयान को अपमानजनक और अस्वीकार्य माना है।
पुतला दहन का आयोजन
रविवार को नोएडा के विभिन्न हिस्सों में हिंदूवादी संगठनों और भाजपा युवा मोर्चा के सदस्यों ने पुतला दहन का आयोजन किया। ईएसआईसी हॉस्पिटल से शुरू होकर शर्मा मार्केट, शिवम मार्केट होते हुए चौड़ा मोड के रेड लाइट तक यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। शाम 6:00 बजे से शुरू हुए इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए और उन्होंने राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की।
साधना शर्मा का बयान
भाजपा युवा मोर्चा की जिला मंत्री साधना शर्मा ने इस आयोजन में प्रमुख भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने देश के बहुसंख्यक हिंदू समाज को हिंसक बताकर उसका अपमान किया है। भारत हिंदू समाज का देश है और एक सांसद द्वारा संसद में ऐसा बयान देकर हिंदू समाज के प्रति अपनी मानसिकता को दर्शाना अस्वीकार्य है। हिंदू समाज यह अपमान कभी स्वीकार नहीं करेगा। हम देश के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री महोदय से प्रार्थना करते हैं कि ऐसे राजनेता की संसद सदस्यता रद्द की जाए।”
उमंग मित्तल ने किया विरोध
भाजपा युवा मोर्चा कार्यसमिति सदस्य उमंग मित्तल ने भी राहुल गांधी के बयान की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी का यह बयान हिंदू समाज का अपमान है और हिंदू समाज उन्हें कभी माफ नहीं करेगा। यह पुतला दहन कार्यक्रम हमारे गुस्से और नाराजगी का प्रतीक है।”
समाज की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के बयान के बाद से पुतला दहन कार्यक्रम ने समाज में विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न की हैं। कई लोग इस घटना को राजनीतिक प्रचार का हिस्सा मानते हैं जबकि कुछ इसे हिंदू समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बयान मानते हैं।
राजनीतिक दलों की प्रतिक्रियाएं
इस घटना पर राजनीतिक दलों की भी अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आई हैं। भाजपा और उसके सहयोगी दल राहुल गांधी के बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल इसे गलत संदर्भ में पेश किया गया बयान मानते हैं। कांग्रेस ने कहा है कि राहुल गांधी के बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और यह भाजपा की राजनीतिक चाल है।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं
सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाएं आई हैं। एक्स, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लोगों ने अपने विचार व्यक्त किए हैं। कुछ लोग राहुल गांधी के बयान की निंदा कर रहे हैं जबकि कुछ उनके समर्थन में खड़े हैं। सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को लेकर बहस और चर्चा काफी तेज है।