गाज़ीपुर न्यूज़, मुहम्मदाबाद के भाजपा विधायक स्व. कृष्णानंद राय और उनके सात साथियों की 19वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में हजारों लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित की। यह आयोजन शहीद स्तंभ, बसनिया में किया गया, जहां शहीदों की याद में जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस मौके पर स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी एवं पूर्व विधायक अलका राय और कई वरिष्ठ नेताओं ने सभा को संबोधित करते हुए आतंकी तत्वों के सफाये का संकल्प दोहराया।
शहीदों की श्रद्धांजलि सभा
श्रद्धांजलि सभा की शुरुआत स्व. कृष्णानंद राय की पत्नी और पूर्व विधायक अलका राय, उनके पुत्र पियूष राय और परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करके हुई। श्रद्धांजलि अर्पित करने के बाद लोगों का एक हुजूम मोहम्मदाबाद स्थित शहीद पार्क में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने के लिए निकल पड़ा। इस दौरान वहां उपस्थित लोगों ने “कृष्णानंद राय अमर रहें” के नारों से माहौल को भावुक बना दिया।
पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि स्व. कृष्णानंद राय ने काशी हिंदू विश्वविद्यालय से छात्र राजनीति की शुरुआत की थी और क्षेत्र में माफिया राज का अंत करने के लिए उन्होंने राजनीति को अपना जरिया बनाया। उन्होंने कहा, “स्व. कृष्णानंद राय की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। उनके हत्यारे या तो जेल में हैं या परलोक सिधार चुके हैं।”
एक रहेंगे, तभी सेफ रहेंगे
पूर्व विधायक अलका राय ने सभा में भाग लेने वाले सभी लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा, “इस कार्यक्रम में भागीदारी से हमें इन आतातायियों के खिलाफ लड़ने की उर्जा मिलती है। हम सबको एकजुट होकर आतंकवाद का खात्मा करना होगा, हत्यारा कौन था यह सभी जानते हैं, हमें न्याय मिला है और आगे भी मिलेगा। अभी सिर्फ एक टहनी कटी है जब तक जड़ खत्म नहीं होगा, तब तक मोहम्मदाबाद से आतंकवाद खत्म नहीं होगा, हम लोग एक रहेंगे, तभी सेफ रहेंगे।”
भाजपा नेता अभिनव सिन्हा ने भगवान के न्याय का उदाहरण देते हुए कहा कि अपराधियों का अंत सुनिश्चित है। उन्होंने कहा, “दो साल पहले मैंने कहा था कि इन आतातायियों का अंत होगा, मार्च में स्व. कृष्णानंद राय के हत्यारे का अंत हो गया। अब हमें गाजीपुर को पूरी तरह से अपराध मुक्त बनाने का संकल्प लेना होगा।”
29 नवंबर 2005: गाजीपुर का काला दिन
29 नवंबर 2005 का दिन गाजीपुर और पूरे उत्तर प्रदेश के लिए एक भयानक त्रासदी का गवाह बना। भांवरकोल ब्लॉक के सियाड़ी गांव में क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद स्व. कृष्णानंद राय का काफिला बसनिया चट्टी की ओर बढ़ रहा था। तभी, घात लगाए अपराधियों ने उन पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। इस हमले में विधायक समेत उनके सात साथी शहीद हो गए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, स्व. कृष्णानंद राय के शरीर में 65 गोलियां पाई गईं थी।
अपराधी बने इतिहास
पूर्व मंत्री उपेंद्र तिवारी ने कहा कि योगी सरकार ने प्रदेश को माफिया मुक्त करने की दिशा में बड़ा काम किया है। उन्होंने कहा, “चाहे प्रयागराज का अतीक अहमद हो, बिहार का शहाबुद्दीन हो, या गाजीपुर का मुख्तार अंसारी, सभी अपराधी अब इतिहास का हिस्सा बन चुके हैं।”
वरिष्ठ नेता पारस राय ने कहा कि अब वक्त आ गया है कि गाजीपुर को इन माफियाओं से पूरी तरह मुक्त किया जाए। उन्होंने सभा में मौजूद लोगों से संकल्प लेने का आग्रह किया कि अपराधियों और उनके समर्थकों को राजनीति से पूरी तरह बेदखल किया जाएगा।
श्रद्धांजलि सभा में उपस्थित
सभा में भाजपा जिला अध्यक्ष सुनील सिंह, वरिष्ठ नेता वीरेंद्र राय, पूर्व जिला अध्यक्ष विजेंद्र राय, पारसनाथ राय, आनंद राय, पीयूष राय और विनोद अग्रवाल सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे। सभा की अध्यक्षता कैप्टन अनिरुद्ध राय ने की।