Deoria: शिक्षा का मंदिर बना शराब पार्टी का अड्डा, शिक्षकों और नगर पंचायत अध्यक्ष का वीडियो वायरल

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देवरिया न्यूज, देवरिया के हेतिमपुर स्थित कंपोजिट विद्यालय में शराब पार्टी का वीडियो वायरल होने के बाद शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। यह घटना 3 नवंबर की रात की बताई जा रही है, जिसमें स्कूल परिसर को शराब और मांसाहारी दावत का अड्डा बना दिया गया। वीडियो के सामने आते ही इलाके में हड़कंप मच गया और प्रशासन ने जांच के आदेश जारी कर दिए।

विद्यालय में परोसी गई मटन और शराब!

वीडियो में दिखाया गया है कि स्कूल की रसोई, जो मिड-डे मील बनाने के लिए होती है, वहां मटन पकाया जा रहा था और शराब की बोतलें रखी थीं। स्कूल के शिक्षकों के साथ नगर पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र यादव भी इस पार्टी में शामिल थे। वीडियो में शिक्षक रमेश जायसवाल, मोहम्मद आजम और तामेश्वर मणि त्रिपाठी के नाम सामने आये हैं।

यह वीडियो बीजेपी के सभासद नीरज गुप्ता ने बनाया और मीडिया पर साझा किया। उन्होंने बताया, “लोगों से लगातार शिकायतें मिल रही थीं कि स्कूल में रात के समय दावतें आयोजित हो रही हैं। जब मैंने स्कूल का दौरा किया, तो यह शर्मनाक घटना सामने आई।”

चाबी नगर पंचायत अध्यक्ष के पास क्यों?

घटना के समय स्कूल बंद था, लेकिन स्कूल की चाबी नगर पंचायत अध्यक्ष वीरेंद्र यादव के पास थी। इस पर सवाल उठाते हुए प्रभारी प्रधानाचार्य उर्मिला सिंह ने कहा, “हमें इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। घटना के समय चाबी नगर पंचायत अध्यक्ष के पास थी।” यह स्थिति शिक्षा संस्थानों में हो रही लापरवाही को उजागर करती है।

जांच के आदेश और प्रशासन की कार्रवाई

देवरिया के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रत्यूष पांडे ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा, “वीडियो की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। विद्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।”

स्कूल स्टाफ ने पत्रकारों से की बदसलूकी

जब घटना के बाद पत्रकार सवाल पूछने विद्यालय पहुंचे, तो स्कूल स्टाफ और शिक्षकों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया। रिपोर्टर्स ने जब मामले पर सवाल उठाने की कोशिश की, तो शिक्षकों ने न केवल जवाब देने से इनकार किया बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार भी किया।

शिक्षा की गरिमा को ठेस

यह घटना शिक्षा के पवित्र स्थानों की गरिमा पर सवाल खड़ा करती है। विद्यालय, जो बच्चों के नैतिक और शैक्षिक विकास का केंद्र होना चाहिए, वहां ऐसी गतिविधियों का होना बेहद शर्मनाक है।

योगी सरकार के दावों पर सवाल!

जहां एक तरफ योगी आदित्यनाथ की सरकार शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के दावे करती है, वहीं इस प्रकार की घटनाएं उन दावों पर पलीता लगाने का काम कर रही हैं। नगर पंचायत अध्यक्ष और शिक्षकों की लापरवाही, सरकार की योजनाओं और प्राथमिकताओं को ठेस पहुंचा रही है। ऐसे गैर-जिम्मेदार व्यक्तियों पर कड़ी लगाम लगाने और उचित कार्यवाई करने की सख्त जरूरत है।

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