रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा पर स्वामी प्रसाद के विवादित बोल

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बांदा: अपने विवादित बयानों से सुर्खियां बटोरने वाले सपा नेता स्वामी प्रसाद ने एक बार फिर से एर भड़काऊ बयान दिया है। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य ने अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को धोखा बताते हुए कहा कि, लाखों-करोड़ों के आराध्य की कोई प्राण प्रतिष्ठा क्या करेगा। स्वामी रविवार को राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित बौद्ध कार्यक्रम में शामिल होने आये थे।

राजकीय इंटर कॉलेज में स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, नितिन गडकरी और संघ के प्रमुख मोहन भागवत हिंदू धर्म को जीवन जीने की कला मानते हैं। जब हमने ये कहा तो पूरे देश में दंगे भड़क उठे, आज विचारों की लड़ाई है। देश में पाखंड रहेगा या विज्ञान?

मनुस्मृति पर की टिप्पणी

स्वामी प्रसाद ने कहा कि हजारों वर्षों से पिछड़े गांवों और दलितों को लूटा गया है। वे जानवर से भी बदतर जिंदगी जीने को मजबूर हैं। खुद को सम्मान के साथ प्रदर्शित करना बाबा साहेब की देन है। जो कोई भी भारतीय संविधान के खिलाफ है वह देशद्रोही है। मनुस्मृति के अनुसार, शूद्र का जन्म गुलामी करने के लिए हुआ है तो ब्राह्मण स्वयंभू है। जबकि संविधान कहता है कि सब एक बराबर हैं।

वाल्मिकी रामायण में हिंदू शब्द का प्रयोग नहीं

उन्होंने आगे कहा कि संविधान देश के 140 करोड़ लोगों को संबोधित करता है। यही बात कोर्ट ने 1995 में भी कही थी, लेकिन तब किसी को कोई फर्क नहीं पड़ा। आगे उन्होंने कहा कि वेद, स्मृति, पुराण या वाल्मिकी रामायण में हिंदू शब्दों का प्रयोग नहीं किया गया है। तुलसी बाबा की रामायण में भी हिन्दू शब्द नहीं है।