हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों ने भारत के विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में महत्वपूर्ण बदलाव लाए हैं। इन परिवर्तनों में से एक यह है कि जो विधायक सांसद बने हैं, उनकी विधानसभा सीटें खाली हो गई हैं। ऐसी ही एक सीट कटहरी विधानसभा है, जो अब राजनीतिक चर्चाओं और कयासों का केंद्र बन गई है।
कटहरी विधानसभा का इतिहास
2022 के चुनावों में कटहरी विधानसभा सीट पर कड़ा मुकाबला हुआ था। निषाद पार्टी के अवधेश कुमार ने 85,548 वोट प्राप्त किए, लेकिन समाजवादी पार्टी के लाल जी वर्मा ने 92,808 वोट हासिल करके उन्हें 7,260 वोटों के अंतर से हरा दिया। लाल जी वर्मा की इस जीत ने क्षेत्र में समाजवादी पार्टी की महत्वपूर्ण सफलता को दर्शाया। वहीं 2017 के विधानसभा चुनावों में शिवाजी सिंह ने सहजनवा सीट से निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, जहां उन्हें 15,780 वोट मिले थे।
ताजा घटनाक्रम
2024 के लोकसभा चुनावों के बाद कटहरी में राजनीतिक परिदृश्य में बदलाव आया है। लाल जी वर्मा को सांसद चुने जाने के कारण कटहरी विधानसभा सीट खाली हो गई है, जिससे उस सीट पर उपचुनाव होना है। इसके साथ ही संभावित उम्मीदवारों को लेकर अटकलें भी तेज हो गई हैं।
उपचुनाव के संभावित उम्मीदवार
एक प्रमुख नाम जो उभर कर सामने आया है, वह है शिवाजी सिंह। वह इस क्षेत्र में लंबे समय से एक प्रभावशाली व्यक्ति रहे हैं। सिंह ने 15 वर्षों तक ब्लॉक प्रमुख के रूप में सेवा की है और गोरखपुर महराजगंज में जिला सहकारी बैंक के पूर्व निदेशक भी रह चुके हैं। उन्होंने 2017 के विधानसभा चुनावों में सहजनवा सीट से निषाद पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। जहां उन्हें कुल 15,780 वोट से ही संतोष करना पड़ा।
हालांकि, उनका पिछला चुनावी प्रदर्शन अलग था, मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य अलग है। अब निषाद पार्टी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के तहत गठबंधन में है। यह गठबंधन आगामी उपचुनावों में निषाद पार्टी के उम्मीदवारों, (जिनमें शिवाजी सिंह भी शामिल हैं), के अवसरों को बढ़ा सकता है।
आगे की राह
कटहरी विधानसभा में उपचुनाव एक महत्वपूर्ण सीट देखी जा रही है। निषाद पार्टी और भाजपा के गठबंधन का परिणाम एक महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। कटहरी के मतदाता आशा करते हैं कि नया उम्मीदवार सकारात्मक बदलाव लाएगा और उनकी चिंताओं का प्रभावी समाधान करेगा।
शिवाजी सिंह की लंबे समय तक ब्लॉक प्रमुख के रूप में सेवा और सहकारी बैंकिंग क्षेत्र में उनका अनुभव महत्वपूर्ण संपत्ति के रूप में देखा जाता है। अगर उन्हें पार्टी का टिकट मिलता है, तो उनकी उम्मीदवारी निरंतरता और मजबूत स्थानीय नेतृत्व का प्रतीक हो सकती है।
तैयारी में जुटी पार्टियां
कटहरी विधानसभा का आगामी उपचुनाव केवल एक स्थानीय चुनावी घटना नहीं है, बल्कि व्यापक राजनीतिक गठबंधनों और रणनीतियों का प्रतिबिंब भी है। जैसे-जैसे राजनीतिक दल इस मुकाबले की तैयारी कर रहे हैं, कटहरी के निवासी एक नए प्रतिनिधि की प्रतीक्षा कर रहे हैं जो समर्पण के साथ उनके क्षेत्र का नेतृत्व करेगा। अंतिम उम्मीदवार सूची और उसके बाद की अभियान रणनीतियाँ कटहरी विधानसभा के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी।