पंडित दीन दयाल उपाध्याय की जयंती पर रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

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लखनऊ विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग में स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ में ‘एक कोशिश ऐसी भी’ सामाजिक संस्था के संयुक्त तत्वाधान में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। जिसमे विश्वविद्यालय के छात्रों, एनसीसी 64 बटालियन के कैडेट्स और शिक्षकों ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। इस दौरान पंडित दीन दयाल उपाध्याय शोध पीठ के निदेशक प्रो. अनूप कुमार भारतीय ने रक्तदाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एक व्यक्ति द्वारा किया गया रक्तदान तीन व्यक्तियों की जिंदगियां बचाता है हमें नियमित अंतराल पर रक्तदान करते रहना चाहिए इससे शरीर स्वस्थ्य रहता है और चित्त भी शांत रहता है। एक व्यावसायिक समाज कार्यकर्ता होने के नाते मेरा ये कर्तव्य है कि हम पीड़ितों की सेवा में लगे रहें और मानवता की रक्षा करें। उन्होंने आगे कहा कि हम किसी को दान दें या न दें लेकिन रक्तदान करते रहें क्योंकि इससे जीवन के साथ–साथ समाज को भी बचाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आज का यह कार्यक्रम माननीय  कुलाधिपति श्रीमती आनंदी बेन पटेल की प्रेरणा और हमारे कुलपति प्रो. अलोक कुमार राय के कुशल मार्गदर्शन से हो रहा है।

रक्तदाताओं को अब “रक्तवीर” के नाम से जाना जाए

वहीं, शिविर में सामाजिक संस्था के किशोर बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। उन्होंने नुक्कड़ नाटक और समूह नृत्य के माध्यम से रक्तदान के महत्व को युवाओं के साथ साझा किया। विद्यार्थियों के बीच रक्तदान से सम्बंधित क्विज भी आयोजित हुई जिससे रक्तदान से सम्बंधित तमाम भ्रांतियों का निदान भी सामने आया। आज के आयोजन में एक बात यह भी तय की गयी कि रक्तदाताओं को अब “रक्तवीर” के नाम से जाना जाए। जिससे समाज के अन्य व्यक्ति भी सामने आकर रक्तदान कर भारत में रक्त की कमी को पूरा कर सकने के लिए प्रेरित हों। संस्था‘एक कोशिश ऐसी भी’ की अध्यक्षा छाया वर्मा ने अपने संबोधन में उपस्थित छात्रों से रक्तदान के महत्व को साझा करते हुए अपने अनुभव साझा किये कि कैसे शहरी और ग्रामीण अंचलों में अभी भी रूढ़ियों और भ्रांतियों के चलते लोग रक्तदान करने से कतराते हैं। इस अवसर प्रो. राज कुमार सिंह, प्रो. डी. के. सिंह, कुलानुशासक प्रो. राकेश द्विवेदी, डॉ. रूपेश कुमार, डॉ. रोहित मिश्र, डॉ. रजनीश यादव सहित विभाग के सभी शिक्षक और एक कोशिश ऐसी भी के चंद्रशेखर वर्मा आदि उपस्थित रहे।