दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का प्रकोप झेल रहे लोगों का बुरा हाल। इसी को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सचिवायल में एक उच्च स्तरीय बैठक की है। जिसमें दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय भी मौजूद रहे। मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई बड़े एलान किए। प्रदुषण को नियंत्रित करने के लिए कई नियम लागू किए जा रहे है, जिसमें कि ऑड-ईवन नियम सबसे बड़ा नियम लागू किया जाएगा। इस नियम को 13 से 20 नवंबर के बीच इसे लागू किया जाएगा। आज ही दिल्ली सचिवालय में हाई लेवल बैठक हुई थी। हालांकि, इस एक हफ्ते के बीच इसकी समीक्षा की जाएगी, उसके बाद सरकार तय करेगी कि इसे आगे जारी रखा जाए या नहीं।
बढ़ते प्रदूषण की स्तिथि को देखते हुए दिल्ली में 13 से 20 नवंबर तक ऑड-ईवन लागू किया जाएगा।#OddEven #DelhiFightsPollution pic.twitter.com/1rbIzHP8GJ
— Gopal Rai (@AapKaGopalRai) November 6, 2023
प्रदुषण कम करने के लिए चलाए जा रहे एक्शन प्लान
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, प्रदूषण लगातार बढ़ रहा है और इसे नियंत्रण में लाने के लिए सरकार ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) के चौथे चरण को भी लागू कर दिया है। लेकिन फिर भी दिल्ली में प्रदूषण से कोई राहत नहीं मिल रही है। एक्सपर्ट का मानना है कि लगातार गिरते तापमान और हवा की स्पीड बहुत धीमी होना इसकी मुख्य वजह है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली भर में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। दिल्ली में आज यानी सोमवार को एक्यूआई 436 मापा गया है। इसके आलवा आरके पुरम में एक्यूआई 466, आईटीओ में 402, पटपड़गंज में 471 और न्यू मोती बाग में 488 दर्ज किया है। दिल्ली में पूरे 365 दिन प्रदूषण को कम करने के लिये काम किया जा रहा है। इसके लिए समर और विंटर एक्शन प्लान चलाया जा रहा है। साल 2015 में 365 में से 109 दिन साफ़ थे जोकि इस साल बढ़कर 206 दिन हो गया है।
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दिल्ली में लागू ग्रैप का चौथा चरण
- दिल्ली के बाहर से आने वाले सभी ट्रकों को प्रवेश पर पाबंदी रहेगी। हालांकि, जरूरी सामान लाने वाले व सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों पर पाबंदी से छूट दी गई है।
- दिल्ली में पंजीकृत मध्यम व भारी डीजल संचालित माल वाहनों पर प्रतिबंध। जरूरी सामान वाले वाहनों को छूट मिलेगी।
- एनसीटी दिल्ली व एनसीआर में डीजल चलित चार पहिया वाहनों पर रोक रहेगी। हालांकि, आपातकालीन वाहनों को छूट दी गई है। इस श्रेणी में केवल बीएस-6 वाहन चल सकते हैं।
- एनसीआर में उद्योगों पर पाबंदी। जहां पीएनजी ईंधन की सुविधा नहीं है और सरकार द्वारा अधिकृत सूची से बाहर के ईंधन का उपयोग किया जा रहा है तो रोक लगेगी। हालांकि, दूध व डेयरी उत्पादों और मेडिकल उपकरणों से जुड़े उद्योगों को छूट दी जाएगी।
- निर्माण व विध्वंस गतिविधियों पर रोक। इसके अलावा फ्लाईओवर, राजमार्ग, पुल व पाइपलाइन समेत अन्य गतिविधियों पर रोक।
- केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों को घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
- एनसीआर राज्य सरकारें सार्वजनिक, निगम और निजी दफ्तरों में 50 फीसदी क्षमता के साथ घरों से काम करने की छूट दे सकती है।
- राज्य सरकारें स्कूल व कॉलेज को बंद करने के साथ गैर आपातकालीन वाणिज्यिक गतिविधियों को बंद कर सकती है।
10 नवंबर तक सभी स्कूल बंद
बढ़ते प्रदुषण के देखते हुए 10 नवंबर तक पांचवीं तक के सभी स्कूल बंद रहेंगे। साथ ही, क्लास 6 से 9 और 11 तक के बच्चों के भी स्कूल 10 नवंबर तक बंद रहेंगे। सिर्फ 10वीं और 12वी के बच्चों के लिये स्कूल खुले रहेंगे क्योंकि उनके बोर्ड एग्जाम भी आने वाले हैं।
एक हफ्ते से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब
दिल्ली के एलएनजेपी अस्पकाल के मेडिकल डायरेक्टर सुरेश कुमार ने बताया कि बीते कुछ दिनों से दिल्ली में प्रदूषण काफी गंभीर समस्या बना हुआ है। अक्टूबर-नवंबर आते ही दिल्ली में स्मॉग के चलते एयर क्वॉलिटी खराब होती जा रही है। यह एक मेडिकल एमरजेंसी है। आसमान में धुएं की चादर छाई हुई है जिससे सांस लेना बेहद मुश्किल हो रहा है। एक्यूआई 500 तक पहुंचने की वजह से दिल्ली-एनसीआर में रहने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी शिकायतों का सामना करना पड़ रहा है। लोगों को सांस लेने में दिक्कत, गले में दर्द, खांसी और आंखों में जलन हो रही है। हर दिन कम से कम 25 से 30 मरीज आ रहे हैं। ऐसे में हमें मास्क पहनना चाहिए।
कहां सबसे प्रदुषित हवा?
सीपीसीबी के अनुसार एनसीआर में दिल्ली के बाद फरीदाबाद का सबसे अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक दर्ज किया गया। यहां एक्यूआई 450 रहा, जोकि गंभीर श्रेणी है। वहीं, ग्रेटर नोएडा में 410, नोएडा में 414, गाजियाबाद में 394 व गुरुग्राम में 402 एक्यूआई दर्ज किया गया।
पहली बार 2016 में लागू हुआ था ऑड-ईवन
साल 2016 की जनवरी में जब वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने में मुश्किलें आ रही थीं, तब दिल्ली सरकार ने पहली बार ऑड-ईवन का नियम लागू किया था। इसके बाद यह नियम अप्रैल 2016 में भी लागू हुआ था। नियम यही था कि 2, 4, 6, 8 और 0 वाली तारीखों पर ईवन नंबर की गाड़ियां चलाई जा सकेंगी। तो वहीं, 1, 3, 5, 7 और 9 वाली तारीखों पर ऑड नंबर प्लेट की गाड़ियां सड़कों पर चल सकेंगी।