मथुरा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार रात को हुए ट्रेन हादसे का एक सीसीटीवी वीडियो सामने आया है। इस सीसीटीवी वीडियो में ट्रेन प्लेटफार्म को तोड़ते हुए ऊपर चढ़ते दिखाई दे रही है। सीसीटीवी में देखने से यह भी पता चला कि लोको पायलट ट्रेन को यार्ड में ले जाने से पहले ही सीट से उठ जाता है। इसके बाद लाइटिंग स्टाफ का एक कर्मचारी वीडियो कॉल पर बात करते हुए ट्रेन के अंदर दाखिल होता है और अपनी पीठ पर टंगे हुए बैग को एम्टी रैक पर रख देता है। जैसे ही लाइटिंग स्टाफ का कर्मचारी एम्टी रैक पर बैग रखता है यह बैग दबाव बनाता है, जिससे ट्रेन आगे बढ़ने लगती है और फिर ट्रेन प्लेटफार्म नंबर दो को तोड़ते हुए 30 मीटर ऊपर चढ़ जाती है। हालांकि, इस मामले में लाइटिंग स्टाफ ने रेलवे अधिकारियों को दिए गए प्रार्थना पत्र में लोको पायलट पर आरोप लगाए हैं और कहा है कि, लोको पायलट ने गाड़ी को चालू हालत में छोड़ दिया था।
रेलवे ने हाई लेवल कमेटी को 28 पेज की रिपोर्ट सौंपी
रेलवे ने इस मामले में हाई लेवल कमेटी को जांच सौंपी थी। ऐसे में रेलवे की 28 पेज की जांच रिपोर्ट के आधार पर लोको पायलट सहित पांच रेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किए गए रेल कर्मियों में लोको पायलट गोविंद हरी शर्मा, हेल्पर इलेक्ट्रिक सचिन, टेक्नीशियन कुलजीत, बृजेश और हरवन कुमार है। मथुरा रेलवे स्टेशन पर जिस समय यह हादसा हुआ उस समय प्लेटफार्म पर यात्रियों की संख्या काफी कम थी। ईएमयू ट्रेन संख्या 64910 को मथुरा जंक्शन के प्लेटफार्म नंबर दो पर शटिंग कर प्लेटफार्म नंबर पांच पर ले जाया जा रहा था और इसी दौरान यह हादसा हुआ। स्टेशन पर यात्रियों की भीड़ कम होने के चलते इस हादसे ने कोई बड़ा रूप नहीं लिया और वहीं ट्रेन पोल से टकराकर रुक गई। अगर ट्रेन नहीं रुकती तो बड़ा हादसा भी हो सकता था।
एक करोड़ रुपए के नुकसान का है अंदेशा
प्राप्त जानकारी के अनुसार रेलवे को इस हादसे में करीब 1 करोड रुपए से ज्यादा का नुकसान होने का अंदेशा जताया जा रहा है। हादसे के कारण प्लेटफार्म का करीब 50 मीटर लंबा हिस्सा डैमेज हो गया, वहीं ओवरहेड वायर और पोल भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। वहीं रेलवे को जो बड़ा नुकसान बताया जा रहा है, वह ईएमयू ट्रेन के इंजन में हुआ है। हालांकि, अभी तक रेलवे ने यह नहीं बताया कि इंजन में किस प्रकार का और कितना नुकसान हुआ है।