24 साल बाद कांग्रेस को मिला गैर-गांधी अध्यक्ष, खड़गे की हुई जीत

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80 साल के मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने गए हैं। शशि थरुर को खड़गे ने भारी मतों से हराया है। अध्यक्षी चुनाव में मल्लिकार्जुन खड़गे को जहां 7897 वोट मिले, तो वहीं शशि थरूर को सिर्फ 1072 वोट मिले। कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव में कुल 9497 वोट डाले गए थे। अध्यक्ष पद की रेस से इस बार गांधी परिवार बाहर था, पिछले 24 साल में ऐसा पहली बार हुआ है जब कांग्रेस अध्यक्ष पद पर कोई कोई गैर-गांधी नेता काब़िज हुआ है। इससे पहले सीताराम केसरी ऐसे अध्यक्ष थे, जो गांधी परिवार से नहीं थे। 

मल्लिकार्जुन खड़गे कांग्रेस के राष्ट्रिय अध्यक्ष चुने गए

खड़गे समर्थक ढोल नगाड़ों के साथ उनकी जीत का जश्न कांग्रेस पार्टी दफ्तर के बाहर मना रहे हैं। जीत के बाद खड़गे से सचिन पायलट, गौरव गोगोई, तारिक अनवर जैसे बड़े नेता मिलने पहुंचे हैं। साथ ही बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओ का हूजूम भी उनके घर पहुंचा है। हार का सामना करने वाले शशि थरूर ने भी खड़गे को जीत की बधाई दी है। थरूर ने ट्वीट करते हुए कहा “ये काफी सम्मान और बड़ी जिम्मेदारी की बात है, मैं खड़गे जी के लिए उनके द्वारा किए जाने वाले काम की सफलता की कामना करता हूं।” साथ ही खड़गे ने कांग्रेस नेताओं से मिले समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। 

मल्लिकार्जुन खड़गे का अबतक का राजनीतिक सफर

मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम कांग्रेस के सबसे वरिष्ट नेताओं के नामों में से एक हैं। वह 80 साल के हैं और कई दशकों से वो सक्रिय राजनीति में काम कर रहे हैं। खड़गे को गांधी परिवार का सबसे करीबी नेता माना जाता है। कर्नाटक के बीदर से वे आते हैं, बीए और एलएलबी की शिक्षा उन्होंने ग्रहण की है और साथ ही वे पेशे से वकील भी रह चुके हैं। 1969 में कर्नाटक के गुलबर्ग सिटी कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सबसे पहले खड़गे ने अपनी सेवा दी थी। इसके बाद पहली बार 1972 में वे विधायक चुने गए, 1972 से 2009 तक वो कुल 9 बार विधायक रहे। 1976 में वे पहली बार कर्नाटक की कैबिनेट में मंत्री बने। 1988 में खड़गे को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया, फिर 2005 में उन्हें कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया। इसके से बाद वो तमाम बड़े पदों पर अपना कार्य करते रहे हैं।