दीपावाली के पर्व बाद लोग लोक पर्व छठ पूजा का त्योहार मनाने के लिए दिल्ली, गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश जैसे राज्यों से यूपी और बिहार के लोग अपने-अपने घर वापसी कर रहे हैं। घर लौटने वालों की संख्या इतनी ज्यादा है कि ट्रेनों से लेकर हवाई जहाज और बस तक की सीटें फुल हैं। ट्रेन टिकट अगर वेटिंग में है तो कन्फर्म होना भूल जाइये। इसमें अगर आपका टिकट कन्फर्म हो गया और आप रेलवे स्टेशन तक पहुंच गए तो जरूरी नहीं कि आप उस ट्रेन में चढ़ सफर तय कर पाएंगे। रेलवे स्टेशनों से लेकर ट्रेनों के अंदर की जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, उसे देखकर आप अंदाज़ा लगा सकते है कि कितने तादाद में लोग अपने घरों को रवाना हो रहे हैं।
भेड़-बकरियों की तरह कोचों में भरे लोग
रेलवे स्टेशन पर पैर रखने की जगह नहीं है और अगर आप किसी तरह टिकट लेकर ट्रेन के अंदर पहुंच भी जाते हैं तो सीट मिलने की कोई गारंटी नहीं है। ट्रेन में जितनी सीटें हैं उससे कई 10-10 गुना लोग एक-एक कोच में भरकर जा रहे हैं। कोचों की खिड़कियों और गेट पर लटकने के अलावा लोग बाथरूम में और ट्रेन के इंजन पर बैठकर जाने के लिए मजबूर हैं। भेड़-बकरियों की तरह लोग कोचों में भरे हुए हैं, यहां तक कि सीटों के नीचे भी लेटकर लोग किसी तरह अपने-अपने घर पहुंचने की जद्दोजहद कर रहे है। ऐसे हालात तब हैं जब सरकार जनता के लिए बड़े-बड़े दावे करती है। इस तरह की बदइंतजामी देख सरकार के सभी दावे धरातल पर नज़र नहीं आते हैं।
ट्रेनों में पैर रखने नहीं है जगह
ट्रेनों में लोगों की भीड़ का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, अगर आप किसी तरह से ट्रेन के अंदर घुस भी गए तो अपनी सीट तक नहीं पहुंच पाएंगे। क्योंकि भीड़ इतनी है कि आप अंदर जाने के बाद अपने हाथ-पैर और सिर हिला पाएंगे या नहीं इसकी कोई गारंटी नहीं है। कोचों में लोगों को पैर रखने की जगह भी तलाशनी पड़ रही है क्योंकि वहां पर पहले से ही आधा दर्जन लोग किसी तरह एकदूसरे से चिपककर या फिर एकदूसरे के ऊपर लदकर बैठे मिलेंगे। ट्रेनों में भारी भीड़ होने की वजह से हर घंटे सैकड़ों लोगों की ट्रेनें छूट रही हैं।
स्पेशन ट्रेनों का संचालन खानापूर्ति
हालांकि, सरकार हर बार त्योहार आने पर स्पेशल ट्रेनों का संचालन करती है। और इस बार भी किया जा रहा है, लेकिन दिवाली और छठ मनाने के लिए अपने-अपने घरों को लौटने वालों की तादाद इतनी ज्यादा होती है कि ये स्पेशल ट्रेनें सिर्फ खानापूर्ति भर नज़र आती हैं। इसी वजह से लोगों ट्रेन कोचों के गेटों पर, खड़कियों पर और बाथरूम में बैठकर जाने के लिए विवश हैं।
आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर प्रशासन के इंतज़ाम
आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर प्रशासन ने काफी इंतजाम किए हैं। भीड़ को काबू में रखने के लिए स्टेशन के मेन गेट पर पूछताछ और अनारक्षित टिकट के लिए अलग-अलग अस्थाई काउंटर बनाए गए हैं। अपनी ट्रेन के लिए समय से पहले आए लोगों को इंतज़ार करने और ठहरने के लिए बाहर ही टेंट की व्यवस्था की गई है।