देवरिया हत्याकांड: बुलडोजर के आगे हाईकोर्ट का स्टे

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देवरिया के फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में जमीन विवाद को लेकर हुए नरसंहार में मारे गए पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेम यादव के घर पर बुल्डोजर चलाने के तहसीलदार के आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। साथ ही याचीकर्ता को कोर्ट ने आदेश भी दिया है कि, नियम के अनुसार इस मामले में अपील दाखिल करें।

तहसीलदार के आदेश पर हाईकोर्ट का स्टे

न्यायमूर्ति सीके राय ने मृतक प्रेम यादव के पिता राम भवन यादव की याचिका पर सुनवाई करते यह ध्वस्तीकरण के आदेश पर स्टे जारी किया है। राम भवन यादव ने तहसीलदार के आदेश को चुनौती देते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। याचिका के अनुसार हत्याकांड के बाद तहसीलदार ने 11 अक्टूबर को ध्वस्तीकरण का आदेश दिया था और कहा गया था कि राजस्व अधिकारी, याची को उसकी जमीन से बेदखल करने और उसे पर बने निर्माण के ध्वस्तीकरण पर आमादा हैं।

नहीं सुना गया याची का पक्ष

याची की भूमि राजस्व विभाग के रिकॉर्ड में खलिहान के तौर पर दर्ज है। आदेश देने से पहले तहसीलदार ने याची का पक्ष नहीं सुना और ना ही किसी तरह का सर्वे किया गया। सरकारी वकील का कहना है कि, याचिका पोषणीय नहीं है क्योंकि राजस्व कानून के तहत इस मामले में याची के पास अपील दाखिल करने का विकल्प उपलब्ध है। जिसके बाद याची ने ऋषिपाल सिंह केस में हाई कोर्ट की गाइडलाइन का हवाला देते हुए कोर्ट से हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया गया। तहसीलदार द्वारा 11 अक्टूबर 2023 को दिए आदेश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रोक लगाते हुए राजस्व विभाग के अधिकारियों से कहा है कि याची की अपील का निस्तारण ऋषिपाल सिंह केस में हाईकोर्ट की गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए किया जाए। साथ ही न्यायालय ने अपील का निस्तारण न होने तक तहसीलदार के ध्वस्तीकरण आदेश पर रोक लगा दी है।