इज़रायल पर हमास आतंकियों द्वारा रॉकेट दागे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, शनिवार को अरुद्ध गाजा पट्टी से इज़रायल की ओर दर्जनों रॉकेट दागे गए। जिसमें 44 लोगों की अपनी जान गवा दी है। वहीं, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इस हमले को युद्ध बताते हुए कहा कि हमास आतंकियों ने इजरायल पर हमला किया है और हम युद्ध के लिए तैयार हैं। साथ ही, उन्हें इस हमले की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हमास आतंकियों के हमले को लेकर भारत सरकार ने इज़रायल में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए एडवाइजरी भी जारी कर दी है।
स्थानियों को दी गई छुपने की चेतावनी
हमले के बारे में एएफपी एजेंसी के पत्रकार ने बताया कि स्थानीय समय के मुताबिक शनिवार सुबह 06:30 बजे (03:30 GMT) गाजा के कई स्थानों से इज़रायल पर रॉकेट दागे गए। इज़रायली सेना ने देश के दक्षिण और मध्य क्षेत्रों में एक घंटे से अधिक समय तक सायरन बजाकर आम जनता को चेतावनी दी और अपील भी की कि वे लोग बम शेल्टर यानी बंकरों में रहें।
आम नागरिकों को कितना नुकसान?
रॉकेट हमले के बारे में सेना ने बताया, “गाजा पट्टी से कई आतंकवादियों ने इज़रायली क्षेत्र में घुसपैठ की है।” इज़रायल की आपातकालीन सेवा एजेंसी – मैगन डेविड एडोम ने भी हमले के बारे में बयान दिया है कि, मध्य इज़रायल में एक इमारत पर रॉकेट गिरने से एक 70 वर्षीय महिला हताहत हुई है।
पांच की मौत, 100 से अधिक घायल
रॉकेट हमलों में जवाबी कार्रवाई करते हुए इज़रायली वायुसेना ने भी हमास पर हमला किया है। वायुसेना ने अपने बयान में कहा कि, गाजा पट्टी पर आतंकी संगठन हमास पर दर्जनों लड़ाकू विमानों ने हमला किया है। जवाबी कार्रवाई से पहले इज़रायल सिटी के मेयर समेत पांच लोगों की मौत हुई है। साथ ही 100 से अधिक लोग भी घायल हुए हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षा एजेंसियों के साथ कर रहे बैठक
हमलों के बाद इज़रायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय से भी बयान जारी किया गया कि, प्रधानमंत्री इस हमलों से जुड़े सुरक्षा प्रमुखों के साथ बैठक कर रहे हैं।
सीमा पर लगातार विरोध प्रदर्शन
हमास आतंकवादी समूह के सत्ता में आने के बाद से, 2007 से इज़रायल ने गाजा पर गंभीर नाकाबंदी लगा दी थी। पिछले 16 साल में फिलिस्तीनी उग्रवादियों और इज़रायल के बीच कई बेहद भयानक युद्ध हो चुके हैं। सितंबर में तनाव बढ़ने के बाद से गाजा ने इज़रायल पर दर्जनों रॉकेट दागे। तनाव के बाद से गाजा से जुड़े मजदूरों के लिए इज़रायल ने दो हफ्तों के लिए सीमा बंद कर दिया था।
आंसू गैस और हवाई फायरिंग से दिए जा रहे जवाब
बड़ी संख्या में सुरक्षाबलों को सीमा पर तैनात कर दिया गया है। फिलिस्तीनी विरोध प्रदर्शन के कारण सीमा को बंद कर दिया गया। इज़रायली सैनिकों पर हमला करने के लिए प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाने के साथ साथ, पत्थर फेंकने और पेट्रोल बम का सहारा लिया है। रिपोर्ट के अनुसार जवाबी कार्रवाई करते हुए सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोले और हवाई फायरिंग की है।
इस साल 270 से अधिक हुई मौतें
मई में, इज़रायली हवाई हमलों और गाजा रॉकेट हमले में 34 फिलिस्तीनियों समेत एक इज़रायली की मौत हुई थी। इज़रायली और फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक, इस साल हुए हमलों अबतक 247 फिलिस्तीनी, 32 इज़रायली समेत दो विदेशी भी मारे गए हैं। इन हमलों में दोनों पक्षों के नागरिक और सेना के जवान शामिल हैं। ज्यादातर मौतें वेस्ट बैंक में हुई, जहां 1967 में हुए अरब – इज़रायल युद्ध के बाद इज़रायल ने कब्ज़ा कर लिया था।