खेती-किसानी को अक्सर घाटे का सौदा माना जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के अवथही गांव के एक प्रगतिशील किसान दिवाकर राय ने इस धारणा को पूरी तरह बदल दिया है। उन्होंने मात्र 12 बीघे में मिर्च की खेती कर 35 लाख रुपए की कमाई कर एक नया रिकॉर्ड स्थापित किया है। दिवाकर राय की इस सफलता ने अन्य किसानों को भी प्रेरित किया है कि वे परंपरागत खेती को छोड़कर नई तकनीकों का सहारा लें और अपनी आय में वृद्धि करें।
कंपनी की नौकरी छोड़ शुरू की खेती
दिवाकर राय पहले एक निजी कंपनी में नौकरी करते थे। हालांकि, उनके मन में हमेशा से कृषि क्षेत्र में कुछ नया करने की इच्छा थी। अपनी नौकरी छोड़कर उन्होंने खेती का रुख किया और नए-नए प्रयोगों के जरिए खेती को लाभकारी बनाया। दिवाकर ने बताया कि मिर्च की खेती में आमतौर पर किसानों को सही समय पर फसल नहीं मिलती और बाजार में कीमत गिर जाती है। इस समस्या का हल निकालने के लिए उन्होंने मिर्च की फसल एक महीने पहले तैयार करने की योजना बनाई।
दिवाकर राय ने जून की तपती धूप में नर्सरी डालने के लिए देसी जुगाड़ से नेटशेड लगाया। 3 जून को नर्सरी तैयार की गई और 26 जुलाई को मिर्च के पौधे खेतों में लगाए गए। उनकी फसल अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही तैयार हो गई, जब बाजार में मिर्च की कीमतें ऊंची थीं। इस अनोखे प्रयोग ने उन्हें भारी मुनाफा दिलाया।
तीन महीने में लाखों की कमाई
दिवाकर राय की मेहनत और सूझबूझ का नतीजा था कि उन्होंने मिर्च की तीन तोड़ाई में ही लाखों रुपए की कमाई कर ली।
- पहली तोड़ाई (12 अक्टूबर)
- उत्पादन: 15 क्विंटल प्रति एकड़
- कमाई: 11 लाख रुपए
- दूसरी तोड़ाई (30 अक्टूबर – 17 नवंबर)
- उत्पादन: 40 क्विंटल प्रति एकड़
- कमाई: 10 लाख रुपए
- तीसरी तोड़ाई (27 दिसंबर)
- उत्पादन: 75 क्विंटल प्रति एकड़
- कमाई: 8 लाख रुपए
उनके खेत में अभी भी करीब 250 क्विंटल मिर्च मौजूद है, जिससे उन्हें आगे भी अच्छी आमदनी की उम्मीद है। दिवाकर राय ने बताया कि अगर मौसम अनुकूल रहा और फसल का उचित प्रबंधन किया गया, तो वे अप्रैल तक मिर्च का उत्पादन जारी रख सकते हैं।
किसानों के लिए प्रेरणा बने दिवाकर राय
दिवाकर राय ने बताया कि उनकी सफलता का मुख्य कारण सही समय पर फसल तैयार करना है। उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अपनी पूरी खेती का एक साथ न करें। आधी फसल पहले तैयार करें और बाकी फसल को कुछ दिनों बाद लगाएं, ताकि बाजार की मांग और कीमतों का लाभ उठाया जा सके।
उनका मानना है कि अगर किसान परंपरागत खेती को छोड़कर नई तकनीकों को अपनाएंगे, तो खेती भी एक फायदे का व्यवसाय बन सकती है। मिर्च की खेती का उनका यह मॉडल अन्य किसानों के लिए प्रेरणा बन सकता है।
मिर्च की खेती में उपयोग की गई तकनीक
- नेटशेड का उपयोग – जून की गर्मी में पौधे की नर्सरी तैयार करने के लिए कम खर्च में देसी जुगाड़ का सहारा लिया।
- समय पर फसल तैयार करना – मिर्च की फसल आमतौर पर अक्टूबर के अंत में तैयार होती है, लेकिन दिवाकर ने इसे एक महीने पहले तैयार कर बाजार में ऊंची कीमतें पाईं।
- उत्पादन प्रबंधन – फसल की तीन चरणों में तोड़ाई की, जिससे बाजार में कीमतें गिरने से पहले ही अच्छा मुनाफा हो गया।
अन्य किसानों को क्या सीखने की जरूरत है?
- सही समय पर खेती करें – अगर फसल बाजार में सबसे पहले पहुंचती है, तो उसका अच्छा रेट मिलता है।
- नई तकनीक अपनाएं – नेटशेड, मल्चिंग, और ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीकें अपनाकर किसान लागत कम कर सकते हैं और मुनाफा बढ़ा सकते हैं।
- फसल का चरणबद्ध प्रबंधन करें – पूरे खेत में एक साथ फसल न लगाएं। अलग-अलग समय पर फसल लगाकर बाजार में लगातार आपूर्ति सुनिश्चित करें।
किसानों के लिए संदेश
दिवाकर राय की यह कहानी बताती है कि अगर किसान परंपरागत खेती के तरीकों से हटकर नई तकनीक अपनाते हैं और सही समय पर फसल तैयार करते हैं, तो खेती से भी लाखों की कमाई संभव है।
उनकी सफलता से यह भी स्पष्ट होता है कि खेती घाटे का सौदा नहीं है, बस जरूरत है सही तकनीक और समय प्रबंधन की।