गहलोत को मिली क्लीन चिट, उड़ान भरने के इंतजार में पायलट।

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राजस्थान की सियासी उठापटक में रोज़ाना एक नया मोड़ देखने को मिल रहा है। गहलोत गुट के बगावती तेवर देखने के बाद पार्टी आलाकमान की निंद खुली और सख्ती दिखाते हुए तीन नेताओं महेश जोशी, शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया। जिसके बाद बगावती विधायकों के तेवर में लचक समा गई और कईयों ने तो अपने सुर-ताल ही बदल दिए। चूंकि, इस पूरे प्रकरण में अशोक गहलोत को क्लीन चिट दे दी गई। ऐसे में क्लीन चिट मिलने के बाद अध्यक्ष पद से बाहर हो चुके गहलोत ने फिर से अध्यक्ष पद के लिए वाइल्ड कार्ड एंट्री मारी है। अब पार्टी आलाकमान पर सवाल यह उठ रहे हैं कि क्या वजह है कि गहलोत को लेकर पार्टी ने नरमी दिखाई है। 

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को मिली क्लीन चिट

सियासी गद्दी बचाने में जुटी कांग्रेस

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके समर्थक नहीं चाहते हैं कि वे सीएम पद छोड़ें। अगर गहलोत सीएम पद छोड़ते हैं तो गुट को सचिन पायलट का सीएम बनना स्वीकार नहीं हैं। पायलट और गहलोत के बीच की जंग तो बहुत पुरानी है लेकिन गहलोत गुट ने तो पायलट के चक्कर में सीधे पार्टी के आका को ही चुनौती दे डाली। ऐसे में ये सियासी जंग गहलोत गुट बनाम कांग्रेस आलाकमान हो गई लेकिन गहलोत को क्लीन चिट मिलने के बाद से ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस आलाकमान अशोक गहलोत को एक और मौका देना चाहती है।

गहलोत के अदावत की कोशिश जारी

कहा जा रहा है कि सीएम गहलोत दिल्ली दौरे पर जाने वाले हैं। तो वहीं सचिन पायलट पहले से ही दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं। ख़बर है कि अशोक गहलोत भले ही राजस्थान का सिंग्हासन नहीं छोड़ना चाहते हो लेकिन कांग्रेस आलाकमान उनकी अदावत के लिए मान-मनौवल की प्रक्रिया होगी। आनंद शर्मा, अंबिका सोनी समेत कई वरिष्ठ नेताओं को ये जिम्मेदारी दी गई है कि वे गहलोत का मान-मनौवल करें। इसके साथ ही अशोक गहलोत को ये भी समझाया जा रहा है कि वे राजस्थान के सियासी उत्तराधिकारी चुनने का फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दें। तभी उनकी नाराज़गी दूर हो सकती है। 

पायलट कर रहे रनवे साफ़ का इंतजार

उड़ान भरने की सोच में पायलट

कांग्रेस विधायक सचिन पायलट इस समय वेट एंड वॉच की स्थिति में हैं। इसके साथ ही वे अपनी छवि को लेकर अलर्ट मोड पर हैं। जिसका उदाहरण कल देखने को मिला। एक न्यूज़ एजेंसी ने पायलट की सोनिया गांधी से बात करने की ख़बर चलाई थी। जिसके तुरंत बाद सचिन पायलट ने खबर का खंडन करते हुए ट्वीट किया और लिखा कि ‘मुझे डर है कि झूठी खबर रिपोर्ट की जा रही है’। इससे साफ अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि पायलट अभी रनवे क्लियर होने का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी आलाकमान के फैसले से पहले कोई जोख़िम नहीं लेना चाहते।