धनतेरस पर इस मुहूर्त पर करें पूजा, नहीं होगी धन की कमी

Dhanteras
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दीपावली एक रोशनी का त्योहार है। यह सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक त्योहार है। सभी को इस महापर्व का इंतजार रहता है। यह पर्व एक दीपोत्सव का त्योहार जोकि पूरे पांच दिनों तक चलता है, धनतेरस के दिन से इसकी शुरुवात होती है। धनतेरस का पर्व छोटी दिवाली के एख दिन पहले मनाया जाता है। पंचांग के अनुसार धनतेरस का पर्व कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है।

इस दिन धन्वंतरि देव, लक्ष्मी जी और कुबेर महाराज की पूजा-अर्चना की जाती है। साथ ही किसी भी वस्तु की खरीदारी के लिए यह दिन उत्तम माना जाता है। माना जाता है कि धनतेरस के दिन खरीदी गई चल-अचल संपत्ति में तेरह गुणा वृद्धि होती है। इसी वजह से लोग इस दिन बर्तनों के साथ-साथ सोना-चांदी भी खरीदते हैं। आइये जानते हैं इस साल धनतेरस किस दिन है…

धनतेरस की तिथि और समय

कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन धनतेरस का पर्व मनाया जाता है। इस साल धनतेरस 10 नवंबर की दोपहर 12:35 मिनट से शुरू हो रही है। इस तिथि का समापन अगले दिन छोटी दिवाली के दिन 11 नवंबर की दोपहर 01:57 मिनट पर हो रहा है। प्रदोष काल में धनतेरस की पूजा की जाती है, इसलिए इस साल धनतेरस 10 नवंबर को मनाई जाएगी। धनतेरस पूजा करने का शुभ मुहूर्त शाम 05:47 मिनट से लेकर 07:47 मिनट तक है।

खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त

धनतेरस पर सोना-चांदी और बर्तनों की खरीदारी करना शुभ माना जाता है। इस साल 10 नवंबर को धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदने का सबसे शुभ समय दोपहर 02:35 मिनट से लेकर 11 नवंबर 2023 की सुबह 06:40 मिनट तक है। इसके अलावा 11 नवंबर को सुबह 06:40 मिनट से दोपहर 01:57 मिनट के बीच भी सामान खरीदे जा सकते हैं।

धनतेरस 2023 की पूजा विधि

  • धनतेरस के दिन शाम में प्रदोष काल के दौरान शुभ मुहूर्त में उत्तर की ओर कुबेर और धन्वंतरि देव की प्रतिमा स्थापित करें।
  • साथ ही मां लक्ष्मी व गणेश जी की भी प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। फिर दीप प्रज्वलित कर विधिवत पूजा करें।
  • सभी देवों को तिलक लगाएं, इसके बाद पुष्प, फल आदि चीजें अर्पित करें।
  • कुबेर देवता को सफेद मिष्ठान और धन्वंतरि देव को पीले मिष्ठान का भोग लगाएं।
  • पूजा के दौरान ‘ऊँ ह्रीं कुबेराय नमः’ इस मंत्र का जाप करते रहें।
  • धन्वंतरि देव को प्रसन्न करने के लिए इस दिन धन्वंतरि स्तोत्र का पाठ जरूर करें।

धनतेरस का महत्व

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि में भगवान धन्वंतरि स्वयं अपने हाथों में अमृत का कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसीलिए इस दिन उनकी पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन धन की देवी लक्ष्मी, धन कोषाध्यक्ष कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मान्यता है कि इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से घर में कभी भी धन की कमी नहीं होती है।