पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ अयूब बोले-आज देश में धर्म और जाति के नाम पर फैली है नफरत

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राजधानी लखनऊ में मंगलवार को पीस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा. अय्यूब ने प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर उनका गठबंधन किसी पार्टी से नहीं हुआ तो उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में अकेले उतरेगी। उन्होंने आगे कहा कि उनकी पार्टी उपेक्षित समाज को राजनीतिक हिस्सेदारी देने की हमेशा से पक्षधर रही है और जो भी राजनीतिक दल उपेक्षित समाज के साथ होगा, पीस पार्टी उस दल के साथ होगी।

एक तरफ I.N.D.I.A तो दूसरी तरफ़ एनडीए

डा. अय्यूब ने कहा कि एक तरफ़ कांग्रेस के नेतृत्व में I.N.D.I.A तो दूसरी तरफ़ सत्तारूढ़ दल भाजपा के नेतृत्व में एनडीए और बसपा उत्तर प्रदेश में सियासी ताकत के तौर पर उभर कर सामने आयी हैं। पीस पार्टी इन तीनों शक्तियों को समान रूप से देखती है। घोसी विधान सभा उपचुनाव परिणाम पर उन्होंने कहा कि उपचुनाव में सपा नहीं जीती बल्कि भाजपा उम्मीदवार दारा सिंह चौहान व्यक्तिगत तौर पर हारे हैं। दारा सिंह के खिलाफ घोसी के लोगों में बहुत नाराजगी है।

1950 में मुस्लिमोंं और इसाइयों को आरक्षण से वंचित कर दिया गया

उन्होंने कहा कि सभी पार्टियों की सरकारों ने संविधान की मूल भावना के अनुरूप काम नहीं किया। सन 1950 में धर्म के आधार पर हिन्दुओं को तो आरक्षण दे दिया गया। मगर मुस्लिमों और इसाइयों को वंचित कर दिया गया। इससे साबित होता है कि सेक्यूलरिज़्म का दावा करने वाली पार्टियां साम्प्रदायिक हैं। इसी तरह हिन्दुत्व और वसुधैव कुटुम्बकम का दावा करने वाली पार्टी दलितों को सिर्फ उनका वोट हासिल करने के लिए भ्रमित करती है । पन्द्रह बनाम पचासी की बात कहने वाली पार्टी जब बहुजन के उत्थान की बात आती है और फिर यही पार्टी सत्ता में आने के बाद दलितों में बंटवारा करती है, मुस्लिमों- इसाईयों को उनके वाजिब अधिकारों से वंचित करती है।