देवरिया न्यूज़, जिले में सार्वजनिक भूमि और ग्राम समाज की जमीनों पर अवैध कब्जों को हटाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल के नेतृत्व में 15 मार्च से ऑपरेशन कब्जा मुक्ति अभियान शुरू किया जाएगा। इस विशेष पहल के तहत 800 चिन्हित स्थलों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाएगा।
अभियान की कार्ययोजना और प्राथमिकताएं
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि ऑपरेशन कब्जा मुक्ति के तहत दो चरणों में कार्रवाई की जाएगी। पहले चरण में सार्वजनिक उपयोगिता की भूमि जैसे सड़क, चकरोड, खेल का मैदान, चारागाह, पोखरी और खाद के गड्ढों से अवैध कब्जे हटाए जाएंगे। इसके बाद, दूसरे चरण में नवीन परती और बंजर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
इस पूरी योजना को शासन की मंशा के अनुरूप तैयार किया गया है। प्रशासन का लक्ष्य है कि जनसुविधाओं के लिए बनी जमीनों का सही उपयोग सुनिश्चित किया जाए और अवैध कब्जाधारियों को हटाया जाए।
डुग्गी-मुनादी और नोटिस के माध्यम से दी जाएगी चेतावनी
अभियान शुरू करने से पहले अतिक्रमण करने वालों को प्रशासन द्वारा डुग्गी-मुनादी और नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाएगा। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने स्पष्ट किया कि अवैध कब्जाधारी स्वयं अपने कब्जे हटा लें अन्यथा सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसी भी स्तर पर भेदभाव या पक्षपात न हो और सभी मामलों में निष्पक्षता के साथ कार्रवाई की जाए। प्रशासन जनता से भी इस अभियान में सहयोग की अपील कर रहा है ताकि जिले की सार्वजनिक भूमि को साफ-सुथरा और अतिक्रमण मुक्त बनाया जा सके।
800 चिन्हित स्थानों पर होगी कार्रवाई, तहसीलवार सूची तैयार
ऑपरेशन कब्जा मुक्ति के तहत जिन स्थलों को अतिक्रमण मुक्त किया जाना है, उनका चिन्हीकरण पिछले छह महीनों में विभिन्न माध्यमों से किया गया है। प्रशासन को प्राप्त शिकायतों, तहसीलदार न्यायालय के आदेश और लेखपालों की रिपोर्ट के आधार पर तहसीलवार चिन्हांकन किया गया है।
- भाटपाररानी में 226 स्थल
- सलेमपुर में 202 स्थान
- रुद्रपुर में 116 जगहों
- बरहज में 105 लोकेशन
- देवरिया सदर तहसील में 151 अतिक्रमण स्थल
इन चिन्हित स्थलों पर प्रशासन की टीम विशेष ध्यान देगी और वहां जल्द से जल्द अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू की जाएगी।
जनता से सहयोग की अपील, अवैध कब्जों को लेकर सख्त रुख
जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने स्पष्ट किया कि सार्वजनिक भूमि पर किसी भी प्रकार का अवैध कब्जा अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने जनपदवासियों से अनुरोध किया कि वे प्रशासन के प्रयासों में सहयोग करें और सार्वजनिक उपयोग की जमीन को मुक्त करने में अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएं।
उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को अवैध अतिक्रमण की शिकायत है, तो वे प्रशासन को सूचित कर सकते हैं। शिकायतों के निस्तारण में पारदर्शिता रखी जाएगी और अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कठोरतम कदम उठाए जाएंगे।
तहसील स्तर पर टीमें गठित, सख्ती से होगा अभियान
इस अभियान को प्रभावी बनाने के लिए तहसील स्तर पर विशेष कार्यबल का गठन किया गया है, जिसमें तहसीलदार, कानूनगो, पुलिस बल और राजस्व अधिकारी शामिल होंगे। इन टीमों को अपने-अपने क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने और निगरानी की जिम्मेदारी दी गई है, जिससे प्रक्रिया निष्पक्ष और सुचारू रूप से संचालित हो सके।
प्रशासन ने यह सुनिश्चित किया है कि अभियान पारदर्शी रहे और किसी भी प्रकार का पक्षपात न हो। जनभागीदारी को बढ़ावा देने के लिए स्थानीय नागरिकों से सहयोग की अपील की गई है। इसके अलावा, यह निर्देश जारी किए गए हैं कि सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे पूरी सख्ती के साथ हटाए जाएं।
प्रशासन का संदेश: अब अतिक्रमण नहीं चलेगा
अवैध कब्जों को हटाने के लिए प्रशासन पूरी तरह से तैयार है। इस अभियान के तहत पहले अतिक्रमण करने वालों को स्पष्ट चेतावनी दी जाएगी, ताकि उन्हें स्वयं भूमि खाली करने का मौका मिले। यदि निर्धारित समय सीमा के भीतर अवैध कब्जाधारियों ने जमीन को मुक्त नहीं किया, तो प्रशासन सख्ती से कार्रवाई करेगा। स्थानीय अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी अतिक्रमण स्थलों की पहचान सुनिश्चित करें और अतिक्रमणकारियों को नोटिस जारी करें।
राजस्व और पुलिस विभाग के सहयोग से इस अभियान को प्रभावी बनाया जाएगा। प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि सार्वजनिक उपयोग की भूमि पर अवैध निर्माण या कब्जा पूरी तरह से समाप्त हो और भविष्य में दोबारा ऐसे मामले न हों। इसके लिए विशेष निगरानी दल गठित किए जाएंगे, जो यह देखेंगे कि हटाए गए अतिक्रमण दोबारा स्थापित न हों। सरकार के इस कड़े कदम से उन लोगों को कड़ा संदेश मिलेगा, जो वर्षों से सरकारी भूमि पर अवैध रूप से कब्जा जमाए हुए हैं।
देवरिया में होगा ऐतिहासिक बदलाव
ऑपरेशन कब्जा मुक्ति अभियान के लागू होने के बाद देवरिया जिले में व्यापक बदलाव की संभावना व्यक्त की जा रही है। प्रशासनिक स्तर पर की जा रही इस पहल से सार्वजनिक संसाधनों का उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जाएगा। इस विशेष प्रयास के तहत, भूमि का उपयोग उसके मूल उद्देश्य के अनुरूप किया जाएगा, जिससे नागरिकों को वास्तविक लाभ मिल सके।
इसके अतिरिक्त, यह अभियान अवैध कब्जों को खत्म करने के साथ-साथ भविष्य में ऐसी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने में सहायक सिद्ध होगा। अधिकारी पूरी सतर्कता बरतते हुए जनहित से जुड़ी संपत्तियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। सरकार की इस सख्त नीति के चलते नागरिकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
-अमित मणि त्रिपाठी