Deoria News: खाद्य विभाग की छापेमारी से घबराए मिठाई कारोबारी!

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देवरिया न्यूज़, त्योहारी सीज़न की दस्तक के साथ मिठाइयों की मांग तेजी से बढ़ जाती है। ऐसे समय में मिलावट और घटिया गुणवत्ता की आशंकाएं भी बढ़ जाती हैं। देवरिया ज़िले में कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और स्थानीय लोगों की शिकायतों के बाद प्रशासन हरकत में आया है। उपभोक्ताओं की सेहत से किसी भी तरह का समझौता न हो, इसे सुनिश्चित करने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने मिठाई दुकानों पर औचक कार्रवाई की शुरुआत की है।

इसी क्रम में सहायक आयुक्त खाद्य द्वितीय विनय कुमार सहाय के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा टीम द्वारा शहर के नामी प्रतिष्ठान कनक स्वीट्स पर सघन निरीक्षण किया गया। इस दौरान टीम ने चार मिठाइयों—केक, छेना मिठाई, पतीसा और लड्डू के नमूने जांच के लिए संग्रहित किए।

नमूनों की वैज्ञानिक जांच से खुलेगा गुणवत्ता का राज

जांच के दौरान टीम ने अत्यंत सावधानी से प्रत्येक मिठाई का नमूना निर्धारित प्रक्रिया के तहत एकत्र किया। इन नमूनों को संबंधित खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला को जांच के लिए भेजा गया है, जहां वैज्ञानिक पद्धति से इनका विश्लेषण किया जाएगा। यह रिपोर्ट तय करेगी कि मिठाइयों की गुणवत्ता उपयुक्त है या नहीं।

जांच की यह प्रक्रिया पूरी तरह कानूनी ढांचे के तहत की गई है और इसकी निगरानी उच्च अधिकारियों द्वारा की जा रही है। रिपोर्ट आने के बाद यदि किसी प्रकार की मिलावट या गुणवत्ता में कमी पाई जाती है, तो संबंधित प्रतिष्ठान पर कठोर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

खाद्य विभाग की टीम ने निभाई अहम भूमिका

इस कार्रवाई की सफलता के पीछे खाद्य सुरक्षा अधिकारियों की मेहनत और प्रतिबद्धता रही। टीम का नेतृत्व कर रहे राजीव मिश्र, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, ने अपने अनुभव और दक्षता का उपयोग करते हुए पूरी प्रक्रिया को नियंत्रित किया। उनके साथ प्रेमचंद्र, राम यादव, मानवेंद्र कुमार, घनश्याम वर्मा, राजू पाल और नेहा त्रिपाठी जैसे अधिकारी भी शामिल रहे।

इस टीम ने मौके पर प्रतिष्ठान की स्वच्छता व्यवस्था, सामग्री का रखरखाव, कर्मचारियों की साफ-सफाई से संबंधित सभी पहलुओं का भी निरीक्षण किया। साथ ही मिठाई निर्माण में उपयोग हो रहे कच्चे माल के स्रोतों की भी जानकारी एकत्र की गई।

रिपोर्ट के बाद तय होगी भविष्य की कार्रवाई की दिशा

खाद्य सुरक्षा विभाग की यह कार्रवाई केवल प्रारंभिक कदम माना जा रहा है। नमूनों की रिपोर्ट आने के बाद ही स्पष्ट होगा कि मिठाइयों में किसी प्रकार की स्वास्थ्यविरोधी सामग्री तो नहीं मिली। यदि ऐसा हुआ तो संबंधित दुकान के खिलाफ नियमों के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जिसमें जुर्माना, लाइसेंस निलंबन या मुकदमा शामिल हो सकता है।

वहीं, यदि मिठाइयों की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप पाई जाती है तो प्रतिष्ठान को राहत भी दी जा सकती है। लेकिन प्रशासन की ओर से यह स्पष्ट कर दिया गया है कि गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।

भविष्य में ऐसे निरीक्षण होंगे और भी अधिक तेज़

इस कार्रवाई से जिले के अन्य मिठाई दुकानों और खाद्य प्रतिष्ठानों को भी स्पष्ट संदेश दिया गया है कि यदि मानकों का पालन नहीं किया गया तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। जिले में अब नियमित अंतराल पर ऐसे निरीक्षण किए जाने की योजना बनाई जा रही है, ताकि किसी भी प्रकार की लापरवाही पर रोक लगाई जा सके।

खाद्य सुरक्षा विभाग ने उपभोक्ताओं से भी अपील की है कि यदि उन्हें कहीं मिलावट या संदिग्ध सामग्री की जानकारी हो तो वे तुरंत विभाग को सूचित करें। प्रशासन की यह सक्रियता जनस्वास्थ्य की दिशा में एक मजबूत कदम मानी जा रही है।

-अमित मणि त्रिपाठी