Deoria News: देवरिया को मिला सख्त और अनुशासित पुलिस अधीक्षक, विक्रांत वीर का सफर और प्राथमिकताएं

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देवरिया न्यूज़, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले को 2014 बैच के आईपीएस अधिकारी विक्रांत वीर के रूप में नया पुलिस अधीक्षक मिला है। मर्चेंट नेवी से भारतीय पुलिस सेवा तक का सफर तय करने वाले विक्रांत वीर अपनी सख्त और अनुशासित कार्यशैली के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने अपने पिछले कार्यकाल में अपराधियों के बीच खौफ और जनता के बीच विश्वास का माहौल बनाया है। अब देवरिया की जनता उनसे अपराधों पर लगाम लगाने और कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की उम्मीद कर रही है।

प्रेरणादायक सफर: मर्चेंट नेवी से आईपीएस तक

विक्रांत वीर का सफर प्रेरणादायक है। बिहार के नालंदा जिले से ताल्लुक रखने वाले विक्रांत ने अपनी स्कूली शिक्षा झारखंड के पलामू जिले में पूरी की। आगे की पढ़ाई के लिए उन्होंने मरीन इंजीनियरिंग का रुख किया और मुंबई से बीएससी की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद, उन्होंने मर्चेंट नेवी में नौकरी शुरू की। हालांकि, देश सेवा का जुनून उन्हें यूपीएससी की तैयारी की ओर ले गया। 2014 में उन्होंने परीक्षा पास की और आईपीएस अधिकारी बने।

कार्यकाल और उपलब्धियां

आईपीएस बनने के बाद विक्रांत वीर की पहली पोस्टिंग कानपुर में एएसपी के रूप में हुई। कानपुर में उन्होंने अपराधियों के खिलाफ कड़े कदम उठाए और जनता के बीच लोकप्रियता हासिल की। इसके बाद वह फैजाबाद, बलिया, और लखनऊ ग्रामीण जैसे जिलों में एसपी के रूप में तैनात रहे। उनकी सख्त कार्यशैली और अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई ने उन्हें हर जिले में पहचान दिलाई।

हाथरस कांड के दौरान भूमिका

हाथरस कांड के समय विक्रांत वीर एसपी के पद पर तैनात थे। इस विवादास्पद मामले में प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा और उन्हें सस्पेंशन झेलना पड़ा। हालांकि, इस दौरान भी उनकी पेशेवर कार्यशैली और ईमानदारी की चर्चा होती रही।

देवरिया में प्राथमिकताएं: अपराधमुक्त जिला बनाने का लक्ष्य

देवरिया के नए पुलिस अधीक्षक के रूप में विक्रांत वीर ने अपनी प्राथमिकताओं को स्पष्ट कर दिया है।

1. महिला सुरक्षा: विक्रांत ने महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को रोकना अपनी शीर्ष प्राथमिकता बताया है। उन्होंने पुलिस टीम को निर्देश दिए हैं कि महिलाओं से जुड़े मामलों में तत्काल कार्रवाई की जाए और दोषियों को सख्त सजा दिलाई जाए।

2. शराब तस्करी पर नियंत्रण: जिले में बढ़ रही शराब तस्करी को रोकने के लिए विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई गई है। तस्करों के खिलाफ कठोर कदम उठाने का आदेश दिया गया है।

3. सामाजिक अपराधों पर लगाम: भूमि विवाद, चोरी, डकैती, और संगठित अपराधों पर नियंत्रण के लिए नई रणनीतियां बनाई जा रही हैं। थानों में लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना भी उनकी प्राथमिकता है।

4. जनता के प्रति जवाबदेही: विक्रांत वीर ने जोर देकर कहा कि पुलिसकर्मी संवेदनशीलता के साथ काम करें और पीड़ितों को न्याय दिलाने में तत्पर रहें।

चुनौतियों का सामना: रणनीतिक उपाय

देवरिया में अपराध और तस्करी जैसी गंभीर समस्याएं हैं। विक्रांत वीर ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए कई रणनीतियां अपनाने का फैसला किया है:
रात्रि गश्त बढ़ाना: सर्दी के मौसम में चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए पुलिस गश्त को बढ़ावा देना।
थानों की सक्रियता सुनिश्चित करना: सभी थानों को तेजी से और प्रभावी ढंग से काम करने के निर्देश।
सामुदायिक पुलिसिंग: जनता और पुलिस के बीच बेहतर संवाद स्थापित करने के लिए सामुदायिक कार्यक्रम चलाना।

मीडिया से संवाद और जनता की अपेक्षाएं

देवरिया में अपनी नियुक्ति के बाद पहली प्रेस वार्ता में विक्रांत वीर ने स्पष्ट किया कि उनकी प्राथमिकता महिलाओं की सुरक्षा, अपराध पर नियंत्रण, और कानून-व्यवस्था को सुदृढ़ बनाना है। उन्होंने पुलिसकर्मियों को ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ काम करने के निर्देश दिए।

देवरिया की जनता को उनसे काफी उम्मीदें हैं। उनके पिछले कार्यकाल में अपराध दर को कम करने और शांति व्यवस्था बनाए रखने में उनकी सफलता को देखते हुए, देवरिया में भी सकारात्मक बदलाव की अपेक्षा की जा रही है।

प्रेरक व्यक्तित्व और सख्त कार्यशैली

विक्रांत वीर अपनी सख्त कार्यशैली और अपराधियों के खिलाफ निर्भीकता के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका नाम सुनते ही अपराधियों में खौफ पैदा हो जाता है। वहीं, जनता को उनके नेतृत्व में न्याय और सुरक्षा का भरोसा है।

एक नई शुरुआत की उम्मीद

देवरिया में विक्रांत वीर की नियुक्ति ने कानून-व्यवस्था को लेकर नई उम्मीदें जगाई हैं। उनकी प्राथमिकताएं स्पष्ट हैं, और उनके अनुभव से जिले को अपराधमुक्त बनाने में मदद मिलेगी। उनकी सख्त और पारदर्शी कार्यशैली जनता को न्याय दिलाने और अपराधियों को कानून के शिकंजे में लाने का आश्वासन देती है। देवरिया की जनता उनके नेतृत्व में एक सुरक्षित और शांतिपूर्ण माहौल की उम्मीद कर रही है।

-अमित मणि त्रिपाठी