देवरिया न्यूज़, जिला पंचायत प्रांगण में गुरुवार को सदर बीआरसी पर ब्लॉक स्तरीय संगोष्ठी और उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस आयोजन में ग्राम प्रधान, स्थानीय निकाय के सदस्य और परिषदीय स्कूलों के प्रधानाध्यापक मौजूद थे। इसका उद्देश्य प्राथमिक शिक्षा को बेहतर बनाना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 तथा निपुण भारत मिशन के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से लागू करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश चंद्र तिवारी ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप जलाकर किया। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि आज प्राथमिक विद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण कॉन्वेंट स्कूलों को पीछे छोड़ रहे हैं।
संगोष्ठी के उद्देश्य और प्रमुख बिंदु
खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) देव मुनि वर्मा ने संगोष्ठी का उद्देश्य स्पष्ट करते हुए कहा कि बेसिक शिक्षा विभाग की योजनाओं और कार्यक्रमों को लोगों तक पहुंचाना इसका मुख्य लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से अभिभावकों को यूनिफॉर्म, स्कूल बैग और स्टेशनरी खरीदने के लिए धनराशि सीधे उनके खातों में भेजी जा रही है।
कार्यक्रम के प्रमुख उद्देश्य:
- निपुण भारत मिशन के तहत शिक्षण में सुधार के लिए जनजागरूकता फैलाना।
- कायाकल्प योजना के 19 पैरामीटर्स को लागू करने के लिए ग्राम प्रधानों को प्रेरित करना।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप स्मार्ट क्लासरूम की स्थापना पर चर्चा करना।
- स्थानीय निकायों के माध्यम से अभिभावकों को शिक्षा के प्रति जागरूक और प्रेरित करना।
- लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण को जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा देना।
प्रमुख अतिथि और प्रतिभागी
कार्यक्रम में बीडीओ अनिल सिंह ने अतिथियों का स्वागत करते हुए स्मृति चिह्न प्रदान किया। संगोष्ठी में उपेंद्र उपाध्याय (SRG), शीला चतुर्वेदी (SRG), संतोष कुमार मिश्रा (ARP), अली आदम (ARP), मनोज कुमार मिश्रा, शैलेंद्र नाथ चौबे, नित्यानंद यादव, ऋषिकेश जायसवाल, सत्य प्रकाश त्रिपाठी, गोविंद सिंह, नंदलाल, श्याम देव यादव, दिवाकर मिश्र, कुल नंदन मिश्र, स्तुति पांडे, नीलम सिंह, संजय तिवारी सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। साथ ही, दुर्गेश जायसवाल (ग्राम प्रधान सुविखर), सुनीता देवी (SMC अध्यक्ष), ऊषा मिश्रा (सभासद), सहित अन्य शिक्षक व प्रधान ने भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम के सफल संचालन में बालेंदु मिश्र की महत्वपूर्ण भूमिका रही। उनकी कुशल योजना, समन्वय और आयोजन क्षमता ने पूरे कार्यक्रम को सुचारू और प्रभावशाली बनाया। बालेंदु मिश्र ने न केवल सभी अतिथियों का स्वागत किया, बल्कि संगोष्ठी के हर चरण को सुनियोजित ढंग से संचालित कर इसे प्रेरणादायक और सफल बनाने में अहम योगदान दिया।
शिक्षा सुधार में सामुदायिक भागीदारी
संगोष्ठी में बीडीओ अनिल सिंह ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार तभी संभव है जब ग्राम प्रधान, स्थानीय निकाय और समाज एकजुट होकर अपनी जिम्मेदारियां निभाएं। उन्होंने कहा कि यह पहल समाज को शिक्षा की दिशा में आगे बढ़ाने का एक प्रभावी माध्यम है।
स्मार्ट क्लासरूम और डिजिटल शिक्षा पर जोर
खंड शिक्षा अधिकारी ने स्मार्ट क्लास सेटअप और डिजिटल शिक्षा की भूमिका को रेखांकित करते हुए स्थानीय निकायों से सहयोग करने की अपील की।
कायाकल्प योजना और लर्निंग आउटकम पर फोकस
ग्राम प्रधानों को कायाकल्प योजना के 19 बिंदुओं को शीघ्र पूरा करने की सलाह दी गई। शिक्षकों को निर्देश दिया गया कि वे लर्निंग आउटकम आधारित शिक्षण पद्धतियों को अपनाएं।
शिक्षा को जन आंदोलन बनाने का आह्वान
संगोष्ठी में यह निर्णय लिया गया कि प्राथमिक शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए इसे जन आंदोलन के रूप में बढ़ावा देना जरूरी है। समुदाय, प्रशासन और शिक्षा विभाग को मिलकर काम करना होगा ताकि हर बच्चे को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले।
कार्यशाला ने शिक्षा के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया और प्राथमिक शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्णय लिया। जिला पंचायत अध्यक्ष गिरीश चंद तिवारी ने कहा कि यह पहल केवल एक कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों के भविष्य को बेहतर बनाने का संकल्प है।
-अमित मणि त्रिपाठी