नई दिल्ली – दिल्ली को एक नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी मिल गई हैं। आम आदमी पार्टी (AAP) की वरिष्ठ नेता और दिल्ली सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्यरत आतिशी को अब मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी दी गई है। आतिशी दिल्ली की तीसरी महिला मुख्यमंत्री होंगी और वह आम आदमी पार्टी की कैबिनेट में सबसे ताकतवर मंत्रियों में से एक मानी जाती हैं।
आतिशी का राजनीतिक सफर और अहम भूमिका
आतिशी का आम आदमी पार्टी में खासा योगदान रहा है। अन्ना आंदोलन के समय से ही वह पार्टी से जुड़ी हुई हैं और अरविंद केजरीवाल की करीबी सहयोगी मानी जाती हैं। आतिशी का नाम पार्टी के अंदर काफी ताकतवर नेताओं में शामिल किया जाता है। मौजूदा समय में उनके पास कई महत्वपूर्ण मंत्रालय हैं, जिनमें शिक्षा मंत्रालय प्रमुख है। मंगलवार को आम आदमी पार्टी के विधायकों की बैठक में अरविंद केजरीवाल ने आतिशी के नाम का प्रस्ताव रखा, जिसे सभी विधायकों ने सर्वसम्मति से समर्थन दिया।
शिक्षा के क्षेत्र में आतिशी की भूमिका
आतिशी को दिल्ली की शिक्षा क्रांति का चेहरा माना जाता है। वह शुरू से ही दिल्ली के सरकारी स्कूलों में सुधार और शिक्षा के स्तर को उठाने के प्रयासों में जुटी रही हैं। मनीष सिसोदिया के साथ मिलकर उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण नीतियों को लागू किया। आतिशी का शिक्षा मंत्री के तौर पर प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा है, जिसकी तारीफ न केवल दिल्ली में, बल्कि पूरे देश में की जाती है।
कौन हैं आतिशी?
आतिशी का जन्म 8 जून 1981 को दिल्ली में हुआ। उनके पिता विजय कुमार सिंह दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर रहे हैं और माता त्रिप्ता वाही भी एक शिक्षाविद हैं। आतिशी ने दिल्ली के स्प्रिंगडेल्स स्कूल से अपनी स्कूली पढ़ाई पूरी की और सेंट स्टीफंस कॉलेज से इतिहास में स्नातक की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से मास्टर की डिग्री प्राप्त की। वह रोड्स स्कॉलर भी रह चुकी हैं और शैक्षिक अनुसंधान के क्षेत्र में भी उनका गहरा अनुभव है।
राजनीति में आतिशी की एंट्री
आतिशी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत आम आदमी पार्टी के साथ की। 2013 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने पार्टी का घोषणापत्र तैयार करने में अहम भूमिका निभाई। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी की प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया और 2019 में पूर्वी दिल्ली से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन वह भाजपा के गौतम गंभीर से हार गईं। 2020 में आतिशी ने कालकाजी विधानसभा सीट से जीत दर्ज की और दिल्ली की राजनीति में अपना मजबूत स्थान बनाया।
महिला सशक्तिकरण का प्रतीक
आतिशी न केवल एक मजबूत राजनीतिक चेहरा हैं, बल्कि महिलाओं के सशक्तिकरण का भी प्रतीक हैं। एक महिला मुख्यमंत्री के रूप में वह दिल्ली में महिलाओं के हितों के लिए प्रभावी कदम उठाने की संभावना रखती हैं। उनके नेतृत्व में महिला सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में और अधिक सुधार की उम्मीदें की जा रही हैं।
आतिशी की संपत्ति और सादगी
आतिशी की संपत्ति को लेकर कई चर्चाएँ होती रही हैं। हालांकि, नेशनल इलेक्शन वॉच के अनुसार उनके पास लगभग 1.41 करोड़ रुपये की संपत्ति है, लेकिन उनके नाम पर कोई व्यक्तिगत घर या जमीन नहीं है। उनकी ज्यादातर संपत्ति बैंक डिपॉजिट और फिक्स्ड डिपॉजिट में है। आतिशी ने शेयर बाजार या बॉन्ड बाजार में कोई निवेश नहीं किया है, लेकिन उनके पास 5 लाख रुपये की एलआईसी की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी है।
दिल्ली की नई दिशा: उम्मीदें और चुनौतियाँ
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में आतिशी के सामने कई चुनौतियाँ होंगी, लेकिन उनकी शिक्षा के क्षेत्र में गहरी समझ और राजनीतिक अनुभव के आधार पर यह उम्मीद की जा रही है कि वह दिल्ली को नई ऊँचाइयों पर ले जाएंगी। उनके नेतृत्व में महिला सुरक्षा, स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार और शिक्षा में सुधार प्राथमिक एजेंडा रहेंगे। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि वह अपने इस नए पद पर कैसी नीतियाँ लेकर आती हैं और दिल्ली के विकास में कितना योगदान देती हैं।
आने वाले समय में आतिशी का नेतृत्व दिल्ली के लिए एक नई दिशा तय करेगा, और उनके कार्यों को लेकर दिल्लीवासियों में उत्सुकता और उम्मीदें बनी हुई हैं।