UP By-election result: उत्तर प्रदेश में हुए नौ विधानसभा सीटों के उपचुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दमदार प्रदर्शन करते हुए सात सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, समाजवादी पार्टी (सपा) दो सीटों पर सिमट गई और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) का खाता भी नहीं खुला। इन चुनाव परिणामों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की रणनीति और उनके “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे की सफलता को रेखांकित किया है।
चुनाव नतीजे बताते हैं कि योगी आदित्यनाथ की आक्रामक छवि, धार्मिक एकजुटता का संदेश, और जातीय बंटवारे से परे उनकी अपील ने जनता के बीच गहरी छाप छोड़ी। लोकसभा चुनाव में भाजपा से दूर हुए ओबीसी और दलित वोटर्स ने इस बार भाजपा का साथ दिया। इसके विपरीत, सपा को उम्मीद के मुताबिक दलितों का समर्थन नहीं मिला।
चुनाव परिणाम
1. कुंदरकी सीट: भाजपा के रामवीर सिंह ने मुस्लिम बहुल सीट पर ऐतिहासिक जीत दर्ज की। उन्होंने सपा प्रत्याशी मोहम्मद रिजवान को 1,45,000 से अधिक मतों के अंतर से हराया। यहां भाजपा को 76.68% मत मिले, जबकि सपा उम्मीदवार की जमानत जब्त हो गई।
2. मीरापुर सीट: रालोद प्रत्याशी मिथिलेश पाल ने सपा की सुम्बुल राणा को 30,796 मतों से हराया। इस सीट पर रालोद ने भाजपा गठबंधन के तहत जीत दर्ज की।
3. करहल सीट: सपा के तेज प्रताप सिंह ने भाजपा के अनुजेश प्रताप सिंह को 14,725 मतों से हराया। लेकिन यह अंतर 2022 के चुनावों की तुलना में काफी कम रहा, जब अखिलेश यादव ने इस सीट पर 67,000 से अधिक मतों से जीत हासिल की थी।
4. सीसामऊ सीट: सपा के नसीम सोलंकी ने भाजपा के सुरेश अवस्थी को 8,564 मतों से हराया।
5. फूलपुर सीट: भाजपा के दीपक पटेल ने सपा के मुज्तबा सिद्दीकी को 11,305 मतों से हराया।
6. कटेहरी सीट: भाजपा के धर्मराज निषाद ने सपा की शोभावती वर्मा को 34,514 मतों से हराया। यह जीत भाजपा के लिए 33 साल बाद आई।
7. मझवां सीट: भाजपा की सुचिस्मिता मौर्य ने सपा की ज्योति बिंद को 4,922 मतों से हराया।
8. गाजियाबाद सीट: भाजपा के संजीव शर्मा ने सपा के सिंह राज जाटव को 27,595 मतों से हराया।
9. खैर सीट: भाजपा के सुरेंद्र दिलेर ने सपा की चारू कैन को 38,393 मतों से हराया।
*”बंटेंगे तो कटेंगे” नारे का असर
सीएम योगी आदित्यनाथ के “बंटेंगे तो कटेंगे” नारे ने इन उपचुनावों में भाजपा के लिए मजबूत आधार तैयार किया। इस नारे ने न केवल जातिगत बंटवारे को दरकिनार किया बल्कि धार्मिक एकजुटता का संदेश भी दिया। लोकसभा चुनाव के विपरीत, इस बार भाजपा को सभी वर्गों का व्यापक समर्थन मिला।
सपा और बसपा का प्रदर्शन
सपा केवल करहल और सीसामऊ सीट पर जीत हासिल कर पाई। वहीं, बसपा चार सीटों पर 10,000 मतों से भी नीचे सिमट गई। आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) ने कुंदरकी और मीरापुर में प्रभावशाली प्रदर्शन कर बसपा को पछाड़ते हुए तीसरे स्थान पर जगह बनाई।
इतिहास रचते चुनाव परिणाम
कुंदरकी में भाजपा ने 31 साल बाद सपा का वर्चस्व तोड़ा, जबकि कटेहरी में 33 साल बाद भाजपा को जीत नसीब हुई। दोनों सीटों पर भाजपा की जीत ने इतिहास रच दिया।
इन उपचुनावों में भाजपा की जीत ने स्पष्ट कर दिया कि मतदाता अब जातिगत राजनीति से ऊपर उठकर निर्णय ले रहे हैं। योगी आदित्यनाथ की रणनीति और धार्मिक एकजुटता का संदेश इन चुनावों में भाजपा की सफलता की कुंजी साबित हुई।