Ballia News: ऑनलाइन ठगी से सावधान! बलिया में ‘सेफर इंटरनेट दिवस’ पर साइबर सुरक्षा अभियान ने बढ़ाई जागरूकता

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बलिया न्यूज़, ‘सेफर इंटरनेट दिवसके अवसर पर डिजिटल सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की जानकारी देना और साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्क करना था। बदलते डिजिटल युग में ऑनलाइन धोखाधड़ी, डेटा लीक और फिशिंग अटैक जैसी घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिससे आम नागरिकों की व्यक्तिगत जानकारी और वित्तीय सुरक्षा खतरे में पड़ रही है। इस कार्यक्रम के माध्यम से विशेषज्ञों ने लोगों को डिजिटल खतरों से अवगत कराया और इंटरनेट का सुरक्षित उपयोग करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश साझा किए।

इस जागरूकता अभियान में विभिन्न वर्गों के लोगों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया, जिसमें विद्यार्थी, व्यापारी, सरकारी कर्मचारी और आम नागरिक शामिल रहे। साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सरल भाषा में इंटरनेट पर सुरक्षित रहने के महत्वपूर्ण उपाय बताए और डिजिटल लेन-देन को सुरक्षित बनाने के लिए प्रभावी रणनीतियां सुझाईं। जिला सूचना विज्ञान अधिकारी गौरव जोशी ने बताया कि इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य साइबर अपराधों को रोकने और डिजिटल जागरूकता बढ़ाने पर केंद्रित था।

तीन प्रमुख स्थानों पर हुई कार्यशालाएं

बलिया में ‘सेफर इंटरनेट दिवस’ के अवसर पर जिले में तीन प्रमुख स्थानों पर साइबर सुरक्षा पर विशेष कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने डिजिटल सुरक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तृत चर्चा की। कार्यशालाओं के दौरान, सुरक्षित इंटरनेट उपयोग, ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचाव और डेटा सुरक्षा के बारे में जागरूक किया गया। हर सत्र में विशेषज्ञों ने साइबर अपराधों और उनके निवारण के नए तरीके साझा किए, जिससे सभी उपस्थित लोग डिजिटल खतरों के प्रति अधिक सतर्क हो सके।

  • विकास भवन सभागार – सुबह 10:15 से 11:00 बजे तक
  • कलेक्ट्रेट सभागार – सुबह 11:15 से दोपहर 12:00 बजे तक
  • राजकीय महिला पॉलिटेक्निक कॉलेज – दोपहर 12:30 से 1:00 बजे तक

इसके साथ ही, जिले के विभिन्न कॉमन सर्विस सेंटरों पर भी छोटे स्तर पर कार्यशालाओं का आयोजन किया गया। इस पहल का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी साइबर सुरक्षा के बारे में जान सकें। इन कार्यशालाओं ने नागरिकों को ऑनलाइन ठगी से बचने के लिए सतर्कता और आधुनिक सुरक्षा तकनीकों को अपनाने के लिए प्रेरित किया। विशेषज्ञों ने इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को अपनी व्यक्तिगत जानकारी और ऑनलाइन लेन-देन की सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की। इससे न केवल साइबर अपराधों के प्रति लोगों की समझ बढ़ी, बल्कि सुरक्षित इंटरनेट उपयोग को लेकर नई जागरूकता भी उत्पन्न हुई।

साइबर अपराधों से बचाव पर हुई विस्तृत चर्चा

साइबर अपराधों से बचाव के लिए कार्यशालाओं में गहरी चर्चा की गई, जिसमें डिजिटल धोखाधड़ी, फिशिंग हमले, डेटा चोरी और ऑनलाइन ठगी से संबंधित मामलों पर प्रकाश डाला गया। इन सत्रों में लोगों को इन खतरों से बचने के लिए आवश्यक जानकारी दी गई।

मुख्य बिंदुओं पर चर्चा की गई:

  • पासवर्ड सुरक्षा और टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन के महत्व को समझाया गया।
  • ईमेल और बैंकिंग धोखाधड़ी से बचाव के तरीके बताए गए।
  • सोशल मीडिया पर व्यक्तिगत डेटा की सुरक्षा पर जोर दिया गया।
  • फिशिंग लिंक और धोखेबाज वेबसाइटों से बचने के उपाय साझा किए गए।
  • डेटा चोरी रोकने के लिए उन्नत सुरक्षा तकनीकों का उपयोग करने की जानकारी दी गई।

गौरव जोशी ने बताया कि कार्यशालाओं में रियल-टाइम उदाहरणों के माध्यम से साइबर अपराधों को समझाया गया, जिससे भाग लेने वाले लोग ज्यादा सजग और सुरक्षित डिजिटल प्रैक्टिसेज के प्रति जागरूक हुए।

नागरिकों में दिखा खास उत्साह

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विद्यार्थियों, व्यवसायियों, शिक्षकों और सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। सभी ने साइबर सुरक्षा को लेकर अपनी शंकाओं का समाधान पाया और ऑनलाइन सुरक्षा तकनीकों को समझा।

विद्यार्थी आर्या वर्मा ने बताया,
“यह कार्यशाला हमें ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के प्रभावी उपायों के बारे में बताती है, जिससे हम सोशल मीडिया और बैंकिंग को ज्यादा सुरक्षित तरीके से उपयोग कर सकते हैं।”

स्थानीय व्यापारी राजेश गुप्ता ने कहा,
“ऑनलाइन ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए इस कार्यशाला से हमें बहुत कुछ नया सीखने को मिला। हमें बताया गया कि कैसे अनजाने लिंक पर क्लिक करने से बचना चाहिए और डिजिटल भुगतान में सावधानी बरतनी चाहिए।”

साइबर सुरक्षा के प्रति बढ़ी जागरूकता

इस कार्यक्रम ने डिजिटल सुरक्षा के प्रति लोगों की जागरूकता में महत्वपूर्ण वृद्धि की। इंटरनेट उपयोगकर्ताओं को न केवल ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए जागरूक किया गया, बल्कि उन्हें यह भी बताया गया कि कैसे वे अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रख सकते हैं और साइबर हमलों से बच सकते हैं। कार्यशाला के दौरान विशेषज्ञों ने इंटरनेट पर होने वाली विभिन्न धोखाधड़ी की घटनाओं पर प्रकाश डाला और इसके समाधान के उपाय सुझाए।

कार्यक्रम के अंत में साइबर सुरक्षा विशेषज्ञों ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे इस जानकारी को अपने परिवार और मित्रों के साथ साझा करें ताकि अधिक से अधिक लोग डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूक हो सकें।

गौरव जोशी ने बताया,
“यह पहल केवल एक दिन का कार्यक्रम नहीं है। हम आगे भी साइबर सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान जारी रखेंगे। हमारा उद्देश्य हर नागरिक को डिजिटल खतरों से बचाव की पूरी जानकारी देना है।”

डिजिटल भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम

‘सेफर इंटरनेट दिवस’ पर आयोजित कार्यशालाओं ने बलिया में डिजिटल सुरक्षा के प्रति जागरूकता को एक नई दिशा दी। यह पहल डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने और मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण साबित हुई है, इसके माध्यम से लोगों को इंटरनेट के सुरक्षित उपयोग की महत्वता समझाई गई।

कार्यक्रम में भाग लेने वाले नागरिकों को उनके प्रयासों के लिए प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए, ताकि वे अपने समुदाय में भी साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता बढ़ा सकें। इस कार्यक्रम ने डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण को न केवल बलिया, बल्कि आस-पास के क्षेत्रों में भी मजबूती से स्थापित किया, जिससे आने वाले समय में ऑनलाइन सुरक्षा को लेकर और अधिक जागरूकता देखने को मिलेगी।