बलिया न्यूज़, बेरुआरबारी साधन सहकारी समिति में अवैध रूप से खाद भेजे जाने की सूचना मिलने के बाद प्रशासन ने सख्त कार्रवाई की। पिछले कई दिनों से क्षेत्र के किसान खाद की कमी से परेशान थे और इसकी शिकायतें लगातार उच्चाधिकारियों तक पहुंच रही थीं। इसी बीच, शनिवार देर शाम पुलिस चौकी के पास स्थित समिति पर तहसीलदार निखिल शुक्ला, नायब तहसीलदार देवेंद्र कुमार श्रीवास्तव, राजस्व निरीक्षक राकेश कुमार चतुर्वेदी और सुभाष चंद्र पांडेय की संयुक्त टीम ने छापेमारी की।
112 बोरी यूरिया जब्त, गोदाम को किया गया सील
जांच दल के मौके पर पहुंचते ही एक पिकअप गाड़ी संदिग्ध अवस्था में खड़ी मिली, जिसमें भारी मात्रा में यूरिया रखा हुआ था। टीम ने तुरंत स्थिति का आंकलन किया और पाया कि यह खाद तय प्रक्रिया के विपरीत कहीं ले जाया जा रहा था। बिना किसी देरी के, प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाते हुए वाहन को अपने कब्ज़े में ले लिया।
पिकअप में लदे सामान की गिनती करने पर कुल 112 बोरी यूरिया बरामद की गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिकारियों ने रात में ही समिति के भंडारण केंद्र को सील करने का निर्णय लिया। इसके साथ ही आगे की जांच के लिए संबंधित दस्तावेजों की भी पड़ताल शुरू कर दी गई।
खाद संकट से जूझ रहे किसान
कई दिनों से किसान उर्वरक की कमी के कारण परेशान थे। आवश्यक खाद न मिलने से उन्हें अलग-अलग स्थानों पर भटकना पड़ रहा था, लेकिन फिर भी जरूरत के अनुसार आपूर्ति नहीं हो रही थी। इस समस्या को लेकर किसानों में नाराजगी बढ़ रही थी, क्योंकि उनकी फसल की वृद्धि प्रभावित हो रही थी।
इसी दौरान प्रशासन को खबर मिली कि साधन सहकारी समिति से उर्वरक को गैरकानूनी तरीके से बिहार भेजा जा रहा है। सूचना मिलते ही जिलाधिकारी ने इस मामले को गंभीरता से लिया और तहसीलदार निखिल शुक्ला को तुरंत मौके पर जाकर जांच करने का निर्देश दिया।
पुलिस को मौके पर बुलाया गया, दस्तावेजों की जांच शुरू
जांच प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए स्थानीय पुलिस को घटनास्थल पर बुलाया गया। इस दौरान संबंधित अधिकारियों ने मामले की गंभीरता को देखते हुए आवश्यक कदम उठाए। ए.आर. कोऑपरेटिव बृजेश पाठक को भी तुरंत जानकारी दी गई, ताकि वह स्थिति का जायजा ले सकें और आवश्यक दस्तावेजों की जांच सुनिश्चित कर सकें।
प्रशासनिक टीम को उनके आने का काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। देर से पहुंचने के बाद बृजेश पाठक ने स्पष्ट किया कि अभी तक इस मामले की कोई औपचारिक जांच नहीं की गई थी। हालांकि, उन्होंने भरोसा दिलाया कि जल्द ही विस्तृत जांच की जाएगी और आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
स्टॉक रजिस्टर और बायोमेट्रिक यंत्र जब्त
तहसीलदार निखिल शुक्ला द्वारा गोदाम में रखे गए सभी रिकॉर्ड का बारीकी से निरीक्षण किया गया। दस्तावेजों की सत्यता की जांच करते हुए स्टॉक से संबंधित महत्वपूर्ण कागजात और बायोमेट्रिक प्रणाली को अपने कब्जे में लिया गया।
इसके अलावा, मौके पर मौजूद खाद से भरी पिकअप को भी अधिकारियों ने अपने कब्जे में ले लिया। पूरी कार्रवाई के बाद वाहन को पुलिस को सौंप दिया गया, ताकि आगे की जांच सुनिश्चित की जा सके।
समिति सचिव गोरख यादव का बयान, संदेह बरकरार
समिति सचिव गोरख यादव ने अपनी सफाई में कहा कि पिकअप में भरी गई यूरिया करम्बर के एक किसान के उपयोग के लिए भेजी जा रही थी। वहीं, कुछ अन्य किसानों ने भी दावा किया कि यह खाद उनकी थी और वे इसे लेने आए थे। हालांकि, रात के समय इस तरह खाद का परिवहन अधिकारियों को संदेहास्पद लगा, जिससे इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए।
तहसीलदार निखिल शुक्ला ने इस पर सख्त रुख अपनाते हुए किसानों की बातों को मानने से इंकार कर दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि यह खाद वास्तव में किसानों के लिए थी, तो इसे दिन के समय ही वितरित किया जाता। देर रात खाद का भेजा जाना प्रशासन को संदिग्ध प्रतीत हुआ, जिससे इस मामले की गहराई से जांच आवश्यक हो गई।
प्रशासन की सख्ती, आगे की जांच जारी
प्रशासनिक टीम इस पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही है। संबंधित अधिकारियों द्वारा यह पता लगाने के प्रयास जारी हैं कि खाद को अवैध रूप से कहीं ले जाया जा रहा था या इसके पीछे कोई अन्य कारण था। इस संदिग्ध गतिविधि की सच्चाई सामने लाने के लिए साक्ष्यों को एकत्र किया जा रहा है और आवश्यक दस्तावेजों की समीक्षा की जा रही है।
सरकार किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। इस तरह की गड़बड़ियों को रोकने के लिए प्रशासन द्वारा सख्त कदम उठाने की तैयारी की जा रही है। इस मामले से जुड़े सभी पहलुओं की जांच पूरी होने के बाद आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।