दीपावली में कैसे और किस शुभ मुहूर्त में करें मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना

Diwali Puja, Maa Maha Laxmi Puja
Share This

आज पूरे देश में दीपावली बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाई जाएगी। रोशनी का त्योहार कहे जाने वाला पर्व देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। दीपावली का यह त्योहार धनतेरस पर शुरू होता है और भाई दूज पर समाप्त होता है। इन पांच दिनों के पर्व में सभी लोग भगवान विष्णु जी, मां महालक्ष्मी , कुबेर जी, भगवान श्री गणेश और यम देवता की पूजा करते हैं। पांच दिन के इस पर्व में तीसरे दिन (दीपावाली) मां महालक्ष्मी की पूजा की जाती है। इसके अलावा विभिन्न अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है और कई अन्य देवी-देवताओं की भी पूजा की जाती है।

प्रदोष काल में करें मां महालक्ष्मी की पूजा

कार्तिक माह की अमावस्या तिथि 12 नवंबर की दोपहर 2 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो रही  है और इसका समापन 13 नवम्बर की दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा। ऐसे में दीपावली का पर्व 12 नवंबर, रविवार के दिन यानी की आज मनाया जाएगा। द्रिक पंचांग के अनुसार, मां महालक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल के दौरान की जानी चाहिए जो सूर्यास्त के बाद शुरू होती है और लगभग 2 घंटे 24 मिनट तक चलती है। कार्तिक अमावस्या की तिथि, साल की सभी अमावस्या में श्रेष्ठतम मानी जाती है। इसी दिन मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन पूजा-अराधना करके अपने इष्ट कार्य को तो सिद्ध किया जा सकता है।

दीपावली पर लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त शाम 5:19 बजे से शाम 7:19 बजे तक है। इसी दिन भगवान श्रीराम रावण और असुरों का संहार कर अयोध्या लौटे थे। जिसमें भगवान श्रीराम के स्वागत के लिए दीपोत्सव किया गया था। साथ ही, दीपावली का दिन मां लक्ष्मी के स्वागत का दिन है। दीये जलाकर चारों ओर प्रकाश कर हम सकारात्मकता के साथ मां महालक्ष्मी से सुख, समृद्धि और सम्पन्नता मांगते हैं।

मां महालक्ष्मी की पूजन विधि

  • प्रदोष काल में ही मां महालक्ष्मी की पूजा-अर्चना का विधान है। क्योंकि रात्रि 2 बजे से पिशाच काल आरंभ होती है। पूजन के लिए लकड़ी की चौकी पर लाल रंग का वस्त्र बिछाएं और इस पर साबुत अक्षत की एक परत बिछाएं। फिर श्री लक्ष्मी-गणेश की प्रतिमा को विराजमान कर यथाशक्ति पूजन की सामग्री के साथ उत्तर दिशा में मुख करके बैठें।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उत्तर दिशा को वास्तु में धन की दिशा माना गया है, इसलिए दीपावली पर यह दिशा यक्ष साधना और मां लक्ष्मी-गणेश की पूजा के लिए आदर्श स्थान है। जल, कलश व अन्य पूजा की सामग्री जैसे-खील, पताशा, सिन्दूर, गंगाजल, अक्षत-रोली, मोली, फल-मिठाई, पान-सुपारी, इलाइची आदि उत्तर और उत्तर-पूर्व की दिशा में रखा जाना शुभ फलों में वृद्धि करेगा।
  • इसी प्रकार भगवान श्री गणेश की पूजा में दूर्वा, गेंदा और गुलाब के फूलों का प्रयोग शुभ है। पूजा स्थल के दक्षिण-पूर्व की तरफ घी का दीप जलाते हुए ‘ॐ दीपोज्योतिः परब्रह्म दीपोज्योतिः जनार्दनः! दीपो हरतु में पापं पूजा दीपं नमोस्तुते’! मंत्र का उच्चारण कर, प्रसन्न चित्त से भगवान गणेश और मां महालक्ष्मी की पूजा-अराधना करें।
  • मां महालक्ष्मी और भगवान गणेश को भोग लगाने के लिए खीर, बूंदी के लड्डू, सूखे मेवे या फिर मावे से बनी हुई मिठाई चढाएं और फिर आरती करें।
  • पूजा करने के बाद मुख्य दीपक को रात भर जलने दें और मां महालक्ष्मी का प्रिय मंत्र !‘ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः’! का जप करें।
  • पूजा घर और मकान के मुख्य द्वार पर सिन्दूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बनाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा प्रवेश नहीं करती हैं।
  • सुख, शांति और समृद्धि को आमंत्रित करने के लिए दीपावली की पूजा में श्रीयंत्र की भी पूजा की जाती है। वहीं, विद्यार्थीयों को इस दिन मां सरस्वती का मंत्र “या देवि ! सर्व भूतेषु विद्या रूपेण संस्थिता ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै ! नमस्तस्यै नमोनमः”!! का जप करना चाहिए। जिससे उन्हें शैक्षणिक प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त हो।

मां महालक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त

12 नवंबर की शाम 5 बजकर 38 मिनट से 7 बजकर 35 मिनट तक।

निशिता काल का मुहूर्त

12 नवंबर की रात्रि 11 बजकर 35 मिनट से 13 नवंबर रात 12 बजकर 32 मिनट तक।

प्रदोष काल

शाम 5 बजकर 29 मिनट से 08 बजकर 08 मिनट तक।

वृषभ काल

शाम 5 बजकर 39 मिनट से 07 बजकर 35 मिनट तक।

दिवाली लक्ष्मी पूजा के लिए शुभ चौघड़िया मुहूर्त

  • दोपहर का मुहूर्त (शुभ) – 02:44 PM से 03:08 PM तक
  • शाम का मुहूर्त (शुभ, अमृता, चर) – शाम 05:58 बजे से रात 10:44 बजे तक
  • रात्रि मुहूर्त (लाभ) – रात 01:54 से 03:29 तक (13 नवंबर)
  • प्रातःकालीन मुहूर्त (शुभ) – प्रातः 05:05 से प्रातः 06:40 तक (13 नवंबर)

लक्ष्मी पूजा के लिए शहरवार शुभ मुहूर्त देखें

  • शाम 06:09 से रात 08:09 बजे तक – पुणे
  • शाम 05:19 से शाम 07:19 बजे तक – नई दिल्ली
  • शाम 05:52 से शाम 07:54 बजे तक – चेन्नई
  • शाम 05:48 से शाम 07:44 बजे तक – जयपुर
  • शाम 05:52 से शाम 07:53 बजे तक – हैदराबाद
  • शाम 05:40 से शाम 07:36 बजे तक – गुड़गांव
  • शाम 05:37 से शाम 07:32 बजे तक – चंडीगढ़
  • शाम 05:05 से शाम 07:03 बजे तक – कोलकाता
  • शाम 06:12 से रात 08:12 बजे तक – मुंबई
  • शाम 06:03 से रात 08:05 बजे तक – बेंगलुरु
  • शाम 06:07 से रात 08:06 बजे तक – अहमदाबाद
  • शाम 05:39 से शाम 07:34 बजे तक – नोएडा