देवरिया डेस्क, जनपद देवरिया में अपराध पर नियंत्रण करने के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के अंतर्गत एक बड़ी सफलता सुरौली पुलिस को प्राप्त हुई है। इस अभियान का नेतृत्व पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर द्वारा किया गया, जिसके तहत चोरी की गई मोटरसाइकिलों के साथ तीन संदिग्धों को पकड़ने में पुलिस को सफलता मिली।
इस कार्रवाई को अंजाम देने में अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी सुनील कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी बरहज/रुद्रपुर अंशुमान श्रीवास्तव की निगरानी विशेष रूप से रही। थाना सुरौली की पुलिस टीम द्वारा यह गिरफ्तारी दिनांक 20 अप्रैल 2025 को की गई, जब मुखबिर से प्राप्त सूचना के आधार पर फुलवरिया करन बेलडाड़ पेट्रोल टंकी के पास से तीन आरोपियों को रंगे हाथों दबोच लिया गया।
जांच के दौरान सामने आई चौंकाने वाली जानकारी
गिरफ्तारी के समय तीनों आरोपियों के पास से एक ई-रिक्शा में लदी हुई दो कटी हुई बाइकें और एक साबुत बाइक बरामद की गई। इनमें एक एचएफ डीलक्स बाइक, एक मोटरसाइकिल जिसका चेचिस नंबर MD625MF58A1C27951 था, और एक अन्य बाइक जिसका चेचिस नंबर 84D16C24198 था, बरामद की गई।
गिरफ्तार किए गए अभियुक्तों की पहचान सुन्दर पुत्र जयकुमार प्रसाद, नितेश गौंड़ पुत्र उमेश गौंड़ और मोहित कुमार पुत्र रामानन्द प्रसाद के रूप में की गई है। सभी आरोपी थाना सुरौली क्षेत्र के निवासी हैं और उन्होंने प्रारंभिक पूछताछ में बाइक चोरी की बात को स्वीकार किया है।
आरोपियों के पास से चार और बाइकों की हुई बरामदगी
पूछताछ में आरोपियों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर पुलिस टीम ने आगे की कार्रवाई करते हुए और चार चोरी की मोटरसाइकिलें बरामद कीं। इनमें होन्डा साइन UP 53 BK 2744, पैशन प्लस UP 52 Z 3077, बजाज प्लेटिना UP 52 S 4569 और स्प्लेंडर UP 52 BM 6965 शामिल हैं।
बताया गया कि यह सभी मोटरसाइकिलें जनपद के विभिन्न इलाकों से चोरी की गई थीं और इन्हें कम दामों पर बेचने की योजना बनाई जा रही थी। पुलिस द्वारा इस खुलासे से मोटरसाइकिल चोरी की कई घटनाओं की कड़ी जोड़ दी गई है।
प्राथमिक जांच में जुड़े पुराने मुकदमे, दर्ज की गई नई एफआईआर
जब इन वाहनों के दस्तावेज और रजिस्ट्रेशन नंबरों की जांच की गई तो पाया गया कि एचएफ डीलक्स UP 52 AQ 5056 को लेकर थाना सुरौली पर पूर्व में मु0अ0सं0 75/25 दर्ज है। इसके साथ-साथ स्प्लेंडर UP 52 BM 6965 के संबंध में थाना कोतवाली पर मु0अ0सं0 239/25 में मामला पंजीकृत है।
पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ मु0अ0सं0 76/25 धारा 2(30), 317(2), 341(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। साथ ही, शेष बरामद मोटरसाइकिलों से संबंधित जानकारी भी विभिन्न थानों से प्राप्त की जा रही है।
आरोपियों ने किया कबूलनामा, बताया अपराध का तरीका
गिरफ्तार तीनों आरोपियों ने पूछताछ के दौरान खुलासा किया कि यह सभी बाइक चोरी करके अपने आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए औने-पौने दामों में बेचते थे। चोरी की गई गाड़ियों को या तो ई-रिक्शा के माध्यम से ट्रांसपोर्ट किया जाता था या रात के अंधेरे में सुरक्षित ठिकानों पर छिपाया जाता था।
उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि जनपद के अलग-अलग बाजारों, भीड़-भाड़ वाले इलाकों और सुनसान स्थानों से मोटरसाइकिलें चुराई गईं। इस खुलासे से सुरौली पुलिस को बाइक चोरी से जुड़े नेटवर्क के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्राप्त हुई हैं।
टीम द्वारा किए गए समर्पण और परिश्रम की सराहना
इस गिरफ्तारी को सफल बनाने में थानाध्यक्ष देवेंद्र कुमार सिंह, उप निरीक्षक अनिल कुमार तिवारी तथा थाना सुरौली की अन्य पुलिस टीमों की भूमिका सराहनीय रही है। यह कार्रवाई पुलिस के लिए एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर द्वारा टीम को आगे भी अपराधियों पर इसी प्रकार कार्रवाई करने के लिए प्रेरित किया गया है। उनके नेतृत्व में देवरिया जनपद में कानून व्यवस्था को सशक्त करने की दिशा में निरंतर प्रयास जारी हैं।
जनता में फैला संतोष, सुरक्षा व्यवस्था पर बढ़ा विश्वास
इस गिरफ्तारी से स्थानीय जनता में संतोष का माहौल देखा गया। लंबे समय से हो रही बाइक चोरी की घटनाओं के कारण लोग भयभीत थे, लेकिन पुलिस की तत्परता से एक राहत महसूस की गई है।
अब जनता में यह विश्वास मजबूत हुआ है कि पुलिस प्रशासन उनकी सुरक्षा को लेकर सतर्क है और हर अपराधी पर सख्त कार्रवाई की जा रही है। इससे न केवल अपराध पर अंकुश लगेगा, बल्कि भविष्य में ऐसे अपराधों की पुनरावृत्ति भी रुकेगी।
प्रशासन की योजना और भविष्य की रणनीति
पुलिस द्वारा यह भी संकेत दिया गया है कि भविष्य में ऐसे आपराधिक नेटवर्क को तोड़ने के लिए तकनीकी सहायता और गुप्त सूचना तंत्र को और मजबूत किया जाएगा। शहर में सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाने और रात्रि गश्त को और प्रभावी बनाने की योजना बनाई जा रही है।
इसके अलावा, चोरी के मामलों में त्वरित जांच और आरोपियों की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष टास्क फोर्स के गठन की भी संभावनाएं जताई गई हैं। इससे जिले में अपराध नियंत्रण को लेकर प्रशासन की सोच और रणनीति स्पष्ट हो रही है।
सामाजिक जागरूकता का आह्वान
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक विक्रान्त वीर ने आमजन से भी अपील की कि वे अपने वाहनों की सुरक्षा सुनिश्चित करें और संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी तुरंत पुलिस को दें। वाहन चोरी की घटनाओं में आम नागरिकों की सतर्कता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी पुलिस की कार्रवाई।
सार्वजनिक स्थलों पर पार्किंग के समय सावधानी, वाहन लॉकिंग प्रणाली का उपयोग और सुरक्षा उपकरणों का प्रयोग करके इस तरह के अपराधों से बचा जा सकता है। साथ ही, वाहन के दस्तावेज भी अपडेट और सुरक्षित रखने की सलाह दी गई है।
-अमित मणि त्रिपाठी