Deoria News: होली से पहले बड़ी कार्रवाई: देवरिया में 720 किलो मिलावटी बेसन जब्त

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देवरिया न्यूज़, होली का त्योहार नजदीक आते ही बाजारों में खाद्य पदार्थों की मांग तेजी से बढ़ जाती है। इस अवसर का लाभ उठाकर कुछ दुकानदार और व्यापारी मिलावटी और घटिया गुणवत्ता वाले उत्पाद बेचने लगते हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, उत्तर प्रदेश ने विशेष अभियान की शुरुआत की है। राज्य के आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन, लखनऊ के निर्देशों के तहत और जिलाधिकारी, देवरिया के आदेशानुसार जिलेभर में खाद्य पदार्थों की गहन जांच की जा रही है ताकि बाजारों में शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री की उपलब्धता सुनिश्चित की जा सके।

इस कार्रवाई के तहत जिले के विभिन्न इलाकों में खाद्य निरीक्षण किए जा रहे हैं, जहां मिलावट की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कई दुकानों और उत्पादन इकाइयों पर छापेमारी की गई। मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र की अगुवाई में गठित टीम ने खाद्य पदार्थों की शुद्धता जांचने के लिए विभिन्न बाजारों का निरीक्षण किया। इस दौरान खोया, पनीर, दूध, दुग्ध उत्पाद, खाद्य तेल, घी, वनस्पति, रंगीन कचरी, पापड़, चिप्स, नमकीन, मिठाइयां, बेसन और मैदा जैसी वस्तुओं के नमूने एकत्र किए गए, जिनकी जांच प्रयोगशाला में की जाएगी।

बाजारों में छापेमारी, संदिग्ध खाद्य पदार्थों के नमूने लिए गए

बरहज तहसील के भलुअनी बाजार में खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा सघन जांच अभियान चलाया गया, जहां विभिन्न खाद्य सामग्रियों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया। निरीक्षण के दौरान बेसन, मैदा और जीरा के सैंपल लिए गए, जिनकी जांच में संदिग्ध तत्वों की मौजूदगी पाई गई। अधिकारियों को यह संदेह हुआ कि ये खाद्य पदार्थ मानकों के अनुरूप नहीं हो सकते हैं, जिसके चलते तुरंत कार्रवाई की गई। जांच के आधार पर 720 किलोग्राम बेसन को जब्त किया गया, जिसका अनुमानित बाजार मूल्य लगभग ₹65,000 बताया गया। इस अभियान का उद्देश्य त्योहारी सीजन में उपभोक्ताओं तक सुरक्षित और शुद्ध खाद्य सामग्री पहुंचाना है।

इसी क्रम में, सदर तहसील के सोनू घाट क्षेत्र में स्थित एक खोया उत्पादन इकाई की भी जांच की गई। यहां से दूध और खोया के नमूने संकलित किए गए ताकि प्रयोगशाला परीक्षण के माध्यम से यह सुनिश्चित किया जा सके कि इनमें किसी प्रकार की मिलावट तो नहीं है। खाद्य सुरक्षा टीम ने सभी आवश्यक मापदंडों का पालन करते हुए खाद्य पदार्थों का गहन निरीक्षण किया और स्थानीय व्यवसायियों को भी खाद्य सुरक्षा से जुड़े नियमों की जानकारी दी।

मिलावट पर सख्ती, खाद्य सुरक्षा नियमों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं

स्वस्थ जीवन के लिए शुद्ध और सुरक्षित खाद्य पदार्थों का उपभोग आवश्यक है, लेकिन मिलावटखोरी लगातार एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। दूषित खाद्य सामग्री के सेवन से कई प्रकार की बीमारियाँ उत्पन्न हो सकती हैं, जिनमें पेट संबंधी विकार, खाद्य विषाक्तता और दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएँ शामिल हैं। इन गंभीर खतरों को रोकने के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने अपनी सतर्कता बढ़ा दी है और नियमित निरीक्षण के माध्यम से मिलावट पर अंकुश लगाने के प्रयास तेज कर दिए गए हैं।

मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र ने कहा कि खाद्य पदार्थों की शुद्धता से किसी भी स्थिति में समझौता नहीं किया जाएगा। यदि किसी भी खाद्य नमूने में मिलावट की पुष्टि होती है, तो दोषी व्यापारियों और निर्माताओं पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत कानूनी प्रावधानों के तहत जुर्माना लगाया जाएगा, लाइसेंस रद्द किया जा सकता है और आवश्यकता पड़ने पर अन्य दंडात्मक कदम भी उठाए जाएंगे।

सुरक्षा अभियान में अधिकारी रहे मौजूद, जनता से की अपील

इस निरीक्षण अभियान में मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी राजीव मिश्र के साथ खाद्य सुरक्षा अधिकारी प्रेमचंद्र, श्री राम यादव और नेहा त्रिपाठी ने सक्रिय भूमिका निभाई। टीम ने विभिन्न बाजारों और दुकानों का दौरा कर खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता की जांच की। अभियान के दौरान अधिकारियों ने दुकानदारों को मिलावट से जुड़ी कानूनी कार्रवाई की जानकारी दी और उन्हें स्वच्छता बनाए रखने के निर्देश दिए। बाजारों में उपलब्ध खाद्य सामग्री का गहन निरीक्षण किया गया ताकि मिलावट को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें।

सुरक्षा दल ने जनता से सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि यदि किसी खाद्य उत्पाद की गुणवत्ता पर संदेह हो तो तुरंत खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचित किया जाए। आम उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए यह भी बताया गया कि किसी भी संदिग्ध खाद्य पदार्थ का सेवन न करें और केवल प्रमाणित दुकानों से ही खाद्य सामग्री खरीदें। अधिकारियों ने भरोसा दिलाया कि मिलावटखोरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी और किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

होली के दौरान बढ़ जाती है मिलावट की घटनाएं, सतर्क रहने की जरूरत

त्योहारों के मौसम में खाद्य वस्तुओं की मांग तेजी से बढ़ जाती है, खासकर होली के समय जब मिठाइयों, स्नैक्स और डेयरी उत्पादों की खपत अधिक होती है। इस बढ़ती मांग का फायदा उठाकर कई असामाजिक तत्व मिलावटी और घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य पदार्थ बाजार में पहुंचा देते हैं। इस तरह के मिलावटी उत्पाद न केवल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होते हैं, बल्कि खाद्य मानकों का भी उल्लंघन करते हैं। खाद्य पदार्थों में सिंथेटिक रंग, सस्ते तेल और अन्य हानिकारक तत्व मिलाकर इन्हें आकर्षक बनाया जाता है, जिससे लोग धोखे का शिकार हो जाते हैं।

बढ़ते खतरे को देखते हुए, खाद्य विभाग द्वारा विशेष अभियान चलाकर सभी संवेदनशील स्थानों पर निगरानी बढ़ा दी गई है। इस दौरान विभिन्न दुकानों, थोक बाजारों और डेयरी उत्पादन इकाइयों की सख्ती से जांच की जा रही है। अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से खाद्य पदार्थों के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिनकी प्रयोगशालाओं में जांच कर मिलावट का पता लगाया जा रहा है। इसके अलावा, विभाग जनता से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध खाद्य सामग्री की सूचना देने की अपील कर रहा है, ताकि होली का त्योहार सुरक्षित और स्वास्थ्यप्रद बना रहे।

कैसे पहचाने मिलावटी खाद्य पदार्थ?

विशेषज्ञों के अनुसार, मिलावट की पहचान करने के लिए कुछ आसान तरीके अपनाए जा सकते हैं:

  1. खोया और पनीर: हाथ से मसलने पर अगर ज्यादा चिकनाई महसूस हो या तेज गंध आए, तो यह मिलावटी हो सकता है।
  2. बेसन: असली बेसन की तुलना में मिलावटी बेसन ज्यादा पाउडर जैसा और हल्के रंग का होता है।
  3. मैदा: मिलावटी मैदा में हल्की गंध और असमान रंग दिख सकता है।
  4. नमकीन और पापड़: अगर बहुत ज्यादा चमकदार दिखे, तो उनमें *सिंथेटिक रंग* मिलाया गया हो सकता है।
  5. खाद्य तेल: असली तेल की तुलना में मिलावटी तेल में चिपचिपापन अधिक होता है और उसमें से गंध आती है।

खाद्य सुरक्षा विभाग की सख्त हिदायत, मिलावटखोरों पर होगी कड़ी कार्रवाई

खाद्य सुरक्षा विभाग ने स्पष्ट कहा है कि यदि किसी भी विक्रेता या थोक व्यापारी द्वारा मिलावटी या घटिया गुणवत्ता वाले खाद्य उत्पाद बेचे जाते हैं, तो उन पर सख्त कदम उठाए जाएंगे। प्रशासन ने इस तरह की गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखी हुई है और मिलावटखोरी में संलिप्त पाए जाने पर व्यापारियों के खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। विभाग ने दुकानदारों को यह चेतावनी भी दी है कि यदि वे गैर-कानूनी रूप से मिलावटयुक्त सामान बेचते हुए पकड़े जाते हैं, तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, यदि कोई व्यक्ति खाद्य सुरक्षा मानकों का उल्लंघन करता है या उपभोक्ताओं के स्वास्थ्य से खिलवाड़ करता है, तो उस पर भारी आर्थिक दंड लगाया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार, लगातार नियमों का उल्लंघन करने वालों के व्यापारिक लाइसेंस को निरस्त करने का भी प्रावधान किया गया है। सरकारी एजेंसियां यह सुनिश्चित कर रही हैं कि आम जनता को स्वच्छ और सुरक्षित खाद्य सामग्री मिले, और इसके लिए नियमित रूप से निरीक्षण अभियान चलाए जा रहे हैं।

सुरक्षित होली के लिए जनता को जागरूक करने की अपील

खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अत्यधिक सस्ते और बिना किसी मान्यता प्राप्त ब्रांड के खाद्य उत्पादों की खरीदारी से परहेज किया जाए। मिलावटी या घटिया गुणवत्ता वाले सामान सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए खरीदारी करने से पहले खाद्य पदार्थों की ताजगी और शुद्धता की पुष्टि करना आवश्यक है। इसके अलावा, स्थानीय दुकानों और बाजारों से खाद्य सामग्री खरीदते समय उनकी पैकेजिंग, निर्माण तिथि और गुणवत्ता प्रमाण पत्र पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है।

अगर किसी भी स्थान पर संदिग्ध खाद्य सामग्री बिकती हुई दिखाई दे या किसी उत्पाद में मिलावट की आशंका हो, तो इसकी सूचना तुरंत संबंधित विभाग को देनी चाहिए। अधिकारियों ने बताया कि मिलावटखोरी की रोकथाम में नागरिकों की भागीदारी बेहद महत्वपूर्ण होती है। जागरूकता और सतर्कता से ही इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है। किसी भी अनियमितता की जानकारी नजदीकी खाद्य सुरक्षा कार्यालय में देकर उचित कार्रवाई की मांग करें, ताकि त्योहारी सीजन में लोगों तक शुद्ध और सुरक्षित खाद्य सामग्री पहुंच सके।

-अमित मणि त्रिपाठी