Deoria News: निर्माण कार्य में लापरवाही पर जिलाधिकारी ने दिखाया रौद्र रुप, फर्म ब्लैकलिस्ट करने के दिए निर्देश!

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देवरिया न्यूज़, जिले में नगर विकास से जुड़ी एक प्रमुख जल निकासी परियोजना की धीमी प्रगति को देखते हुए, प्रशासनिक सख्ती बढ़ा दी गई है। मंगलवार को कार्यस्थल पर पहुंचकर, जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने खुद प्रगति की समीक्षा की और निर्माण की गुणवत्ता का जायजा लिया। इस योजना का उद्देश्य शहरी जलभराव की समस्या को स्थायी रूप से हल करना है, लेकिन लगातार हो रही देरी से नागरिकों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। इस महत्वपूर्ण परियोजना की लागत लगभग ₹43.11 करोड़ है और इसे मार्च 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। लेकिन अब तक केवल 65 प्रतिशत कार्य ही संपन्न हो सका है।

परियोजना की धीमी रफ्तार और पहले दिए गए निर्देशों की अनदेखी को लेकर अधिकारियों पर भी सवाल उठाए गए। निरीक्षण के दौरान, उन्होंने कार्यस्थल पर मौजूद अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ली और आवश्यक दस्तावेजों की जांच की। अधूरे निर्माण, धीमी कार्यप्रणाली और निर्धारित समयसीमा के उल्लंघन को देखते हुए, उन्होंने कड़ा रुख अपनाते हुए संबंधित फर्म को तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट करने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने स्पष्ट किया कि निर्माण कार्य में कोताही बरतने वाले जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में इस तरह की लापरवाही न हो।

पूर्व निरीक्षण की कमियों को नहीं किया गया दूर

निरीक्षण में यह स्पष्ट हुआ कि पहले के निरीक्षण में जो त्रुटियां सामने आई थीं, उन्हें अभी तक दूर नहीं किया गया है। जिन पहलुओं पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए थे, वे जस के तस बने हुए हैं। परियोजना की धीमी प्रगति और कार्य में हो रही अनियमितताओं को देखते हुए अधिकारियों से जवाबदेही मांगी गई। निर्माण की गुणवत्ता में सुधार लाने के बजाय अब भी पुरानी खामियां बनी हुई हैं, जिससे कार्य की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने इस लापरवाही को लेकर अपनी कड़ी नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि इस तरह की उदासीनता को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि कार्य में जल्द सुधार नहीं किया गया, तो न केवल निर्माण एजेंसी बल्कि संबंधित विभागीय अधिकारियों पर भी कठोर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

परियोजना को वर्षा ऋतु से पहले पूरा करने का निर्देश

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि इस महत्वपूर्ण परियोजना को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि बरसात के मौसम में जलभराव की समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि कार्य की सुस्त गति से न केवल स्थानीय निवासियों को असुविधा होगी, बल्कि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि निर्धारित समय-सीमा का सख्ती से पालन किया जाए और किसी भी तरह की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

इसके अलावा, निर्माण की गुणवत्ता को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि साइट पर नियमित निरीक्षण किया जाए और प्रत्येक स्तर पर कार्य की निगरानी को मजबूत किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि निर्माण में किसी भी प्रकार की कमी पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

निर्माण कार्य में देरी पर सख्त रुख, त्वरित कार्रवाई के निर्देश

जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर गहरी नाराजगी जताई और स्पष्ट किया कि यदि जल्द ही आवश्यक सुधार नहीं किए गए, तो ठेकेदार व संबंधित एजेंसी के खिलाफ कठोर प्रशासनिक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए निर्माण कार्य की नियमित समीक्षा की जाएगी, ताकि आगे किसी प्रकार की लापरवाही की गुंजाइश न रहे। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कार्य की धीमी गति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से लिखित स्पष्टीकरण लिया जाए, जिससे देरी के वास्तविक कारणों का पता लगाया जा सके।

इसके अलावा, जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को निर्देशित किया कि निर्माण कार्य की गुणवत्ता और मानकों की सख्त जांच की जाए, ताकि भविष्य में कोई तकनीकी या संरचनात्मक समस्या उत्पन्न न हो। उन्होंने कहा कि इस परियोजना का पूर्ण होना नगर के विकास के लिए अत्यंत आवश्यक है, इसलिए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही को गंभीरता से लिया जाएगा। उन्होंने यह भी आदेश दिया कि स्थानीय प्रशासन परियोजना की प्रगति पर निरंतर रिपोर्ट प्रस्तुत करे, ताकि कार्यों की गति और गुणवत्ता पर प्रशासन की कड़ी नजर बनी रहे।

निरीक्षण के दौरान उपस्थित अधिकारी

निरीक्षण के समय एडीएम प्रशासन गौरव श्रीवास्तव, अधिशाषी अभियंता जल निगम नगरीय अनूप सिंह, अधिशाषी अधिकारी देवरिया संजय तिवारी, सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। जिलाधिकारी ने उपस्थित अधिकारियों से विस्तृत जानकारी ली और अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि निर्माण कार्य निर्धारित मानकों और तय समय-सीमा के भीतर पूरा होना चाहिए, ताकि आगामी मौसम में किसी प्रकार की परेशानी न हो। निरीक्षण के दौरान कार्य की प्रगति और संभावित चुनौतियों पर भी चर्चा की गई।

अधिकारियों को निर्देश देते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि परियोजना की साप्ताहिक निगरानी अनिवार्य रूप से की जाए, ताकि किसी भी प्रकार की देरी या लापरवाही को समय रहते दूर किया जा सके। उन्होंने सभी जिम्मेदार अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने को कहा कि कार्य में पारदर्शिता बनी रहे और गुणवत्ता से कोई समझौता न किया जाए। इसके अलावा, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी स्तर पर कोई अनियमितता पाई गई, तो संबंधित अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी