Prayagraj Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025, सनातन आस्था का महापर्व शुरू, संगम में उमड़ा आस्था का सैलाब

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महाकुंभ 2025, प्रयागराज में सोमवार को पौष पूर्णिमा के पावन स्नान के साथ ही महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हो गया। यह सनातन धर्म के अनुयायियों का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जो हर 12 साल में आयोजित किया जाता है। देशभर से लाखों श्रद्धालु इस महापर्व में भाग लेने संगम नगरी पहुंचे। मेला प्रशासन के अनुसार, पहले स्नान पर करीब 1.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी संगम में पुण्य स्नान किया।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज रेल मंडल ने 50 से अधिक स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, ताकि लोग बिना किसी परेशानी के इस भव्य आयोजन में शामिल हो सकें। प्रशासन और सुरक्षा बलों ने भी चप्पे-चप्पे पर निगरानी रखी, ताकि आयोजन शांति और सुरक्षा के माहौल में संपन्न हो।

प्रयागराज में स्पेशल ट्रेन सेवा का सफल संचालन

महाकुंभ में देशभर से श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी है। मेला क्षेत्र में भीड़ को देखते हुए प्रयागराज रेल मंडल ने 21 आउटवर्ड और 13 इनवर्ड स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया। प्रयागराज जंक्शन से विभिन्न स्थानों के लिए कुल सात स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं, जिसमें कानपुर, पंडित दीनदयाल उपाध्याय नगर, कटनी, वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी, और अयोध्या कैंट तक की सेवाएं शामिल हैं।

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए आश्रय स्थलों, टिकट वितरण केंद्रों और अतिरिक्त ट्रेनों की व्यवस्था भी की गई। प्रयागराज छिवकी स्टेशन से बांदा और चित्रकूट के लिए भी स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया गया। इसके अलावा लखनऊ, आलमनगर और अयोध्या से भी स्पेशल ट्रेनों की सेवाएं उपलब्ध कराई गईं।

रेल मंडल के अधिकारियों ने बताया कि भीड़ को देखते हुए रात में भी अतिरिक्त ट्रेनों का संचालन किया गया, ताकि श्रद्धालु आसानी से अपने गंतव्य तक पहुंच सकें।

पहले शाही स्नान की तैयारियां: पुलिस व्यवस्था की परीक्षा

मंगलवार को मकर संक्रांति के पावन अवसर पर पहले शाही स्नान का आयोजन किया जाएगा। प्रशासन ने अनुमान लगाया है कि इस दिन संगम में 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालु स्नान कर सकते हैं। ऐसे में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस प्रशासन पूरी तरह सतर्क है।

डीजीपी मुख्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, करीब 20,000 पुलिसकर्मी महाकुंभ में तैनात किए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा के लिए एनएसजी कमांडो, एटीएस, एसटीएफ की टीमें और ड्रोन, एंटी-ड्रोन सिस्टम और एआई कैमरों का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।

डीजीपी प्रशांत कुमार खुद महाकुंभ की सुरक्षा का मॉनिटरिंग कर रहे हैं। सोमवार को उन्होंने प्रयागराज में बनाए गए विशेष कंट्रोल रूम से सुरक्षा इंतजामों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पहले शाही स्नान के दौरान अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी, ताकि आयोजन में किसी भी प्रकार की बाधा न आए।

महाकुंभ में मुफ्त शटल बस सेवा: श्रद्धालुओं के लिए 18 दिन निशुल्क यात्रा

महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए राज्य सड़क परिवहन निगम ने 350 शटल बसों का संचालन किया है। ये बसें विभिन्न पार्किंग स्थलों से मेला क्षेत्र तक श्रद्धालुओं को निशुल्क लाने-ले जाने का काम करेंगी।

परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दयाशंकर सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार श्रद्धालुओं को मुख्य स्नान पर्वों के दौरान मुफ्त यात्रा की सुविधा दी जाएगी। इस योजना के तहत श्रद्धालु 13 जनवरी से 26 फरवरी तक कुल 18 दिनों तक मुफ्त यात्रा कर सकते हैं।

शटल बसों में यात्रा करने वाले श्रद्धालुओं को जीरो मूल्य टिकट जारी किया जाएगा। अपर प्रबंध निदेशक राम सिंह वर्मा ने सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं।

सुरक्षा व्यवस्था: चप्पे-चप्पे पर पुलिस की तैनाती

महाकुंभ के पहले स्नान पर्व पर डीजीपी प्रशांत कुमार की निगरानी में सुरक्षा बलों ने चप्पे-चप्पे पर सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की है। प्रशासन ने पुलिसकर्मियों के साथ-साथ एनएसजी कमांडो, बख्तरबंद वाहन, एटीएस और एसटीएफ की टीमें भी तैनात की हैं।

सुरक्षा के मद्देनजर प्रयागराज में अत्याधुनिक एआई कैमरों और ड्रोन की मदद से भी निगरानी की जा रही है। केंद्रीय जांच एजेंसियों से समन्वय स्थापित कर हर गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

महाकुंभ का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व

महाकुंभ का आयोजन हिंदू धर्म के सबसे पवित्र आयोजनों में से एक है। हर 12 साल में एक बार चार पवित्र स्थलों—प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में इसका आयोजन किया जाता है।

इस पर्व का मुख्य आकर्षण त्रिवेणी संगम में स्नान करना है, जहां गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों का मिलन होता है। मान्यता है कि यहां स्नान करने से पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।

महाकुंभ 2025 के मुख्य स्नान पर्व

महाकुंभ के दौरान छह मुख्य स्नान पर्व निर्धारित किए गए हैं, जिन पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करेंगे। ये स्नान पर्व निम्नलिखित हैं:

  1. पौष पूर्णिमा – 13 जनवरी
  2. मकर संक्रांति – 14 जनवरी
  3. मौनी अमावस्या – 20 जनवरी
  4. बसंत पंचमी – 25 जनवरी
  5. माघी पूर्णिमा – 9 फरवरी
  6. महाशिवरात्रि – 26 फरवरी

इन पर्वों पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान कर पुण्य अर्जित करते हैं।

महाकुंभ 2025: आस्था और संस्कृति का संगम

महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक महत्व का आयोजन है, बल्कि यह भारत की संस्कृति और परंपरा का जीवंत प्रदर्शन भी है। इस आयोजन में विदेशों से भी श्रद्धालु आते हैं और भारतीय संस्कृति को करीब से समझते हैं।

मेला क्षेत्र में धार्मिक प्रवचन, योग शिविर, भजन कीर्तन और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं, जो इस पर्व को और भव्य बनाते हैं।