लखनऊ: सीबीआई की विशेष अदालत ने प्रतापगढ़ के चर्चित डीएसपी जियाउल हक हत्या मामले में 11 साल बाद बीते 4 अक्टूबर को अहम फैसला लिया। अदालत ने इस मामले में 10 लोगों को दोषी ठहराया है। दोषी पाए गए लोगों में प्रमुख रूप से फूलचंद यादव, पवन यादव, मंजीत यादव, घनश्याम सरोज, राम लखन गौतम, छोटेलाल यादव, राम आसरे, मुन्ना पटेल, शिवराम पासी और जगत बहादुर पाल शामिल हैं। बुधवार 9 अक्टूबर यानी आज अदालत दोषियों पर अपना फैसला सुनाएगी।
2013 में हुई थी हत्या, राजा भैया हुई थी एफआईआऱ
2 मार्च 2013 को प्रतापगढ़ के बलीपुर गांव में डीएसपी जियाउल हक की भीड़ द्वारा बुरी तरह पिटाई करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था। घटना के बाद स्थानीय विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और ग्राम प्रधान गुलशन यादव का नाम चर्चा में आया। डीएसपी की पत्नी परवीन ने राजा भैया और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई थी।
सीबीआई जांच में राजा भैया को मिली थी राहत
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, राज्य सरकार ने जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा था। सीबीआई की जांच में विधायक राजा भैया और गुलशन यादव को इस मामले में निर्दोष पाया गया, लेकिन केस की सुनवाई अदालत में चलती रही। सीबीआई ने बैलेस्टिक रिपोर्ट का सहारा लेकर यह सिद्ध किया कि डीएसपी की हत्या में अभियुक्तों की भूमिका थी।
बैलेस्टिक रिपोर्ट से हत्याकांड का खुलासा
सीबीआई की जांच के दौरान बैलेस्टिक रिपोर्ट की मदद से इस हत्याकांड का सच सामने आया। रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि डीएसपी जियाउल हक की हथेली पर बारूद के निशान पाए गए थे, और सुरेश यादव की राइफल से चलाई गई गोली का मिलान हुआ। इससे यह साबित हुआ कि जब डीएसपी नन्हे यादव का शव लेने पहुंचे थे, तभी सुरेश यादव ने अपनी राइफल के बट्ट से सीओ पर हमला किया, जिससे राइफल के ट्रिगर पर हाथ लगने से गोली चल गई और सुरेश यादव की मौत हो गई। इसके बाद गांव वालों ने सीओ जियाउल हक को घेरकर पीटना शुरू कर दिया। उसी समय नन्हे यादव के बेटे बबलू ने अपने कट्टे से सीओ को गोली मार दी, जिससे उनकी मौत हो गई।
डीएसपी की हत्या के बाद फैला था भय का माहौल
सुरेश यादव की मौत के बाद गाँव वालों का गुस्सा भड़क उठा। डीएसपी जियाउल हक के गनर और अन्य पुलिसकर्मी मौके से भाग निकले, जिसके बाद ग्रामीणों ने डीएसपी को घेरकर उनकी जान ले ली। सीबीआई रिपोर्ट में बताया गया कि नन्हे यादव के बेटे बबलू ने भी डीएसपी पर गोली चलाई थी।
राजा भैया ने दिया था इस्तीफा, नार्को टेस्ट में बरी हुए
इस हत्याकांड के बाद राजा भैया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने उनका नार्को टेस्ट भी कराया, जिसमें उनकी संलिप्तता का कोई प्रमाण नहीं मिला। जिसके चलते उन्हें इस मामले में क्लीन चिट दे दी गई थी। लेकिन जियाउल हक की पत्नी परवीन ने मामले को पुनः अदालत में चुनौती दी, जिससे जांच की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई।
आज दोषियों पर आएगा फैसला
सीबीआई की विशेष अदालत ने बीते शुक्रवार 4 अक्टूबर को इस हत्याकांड के 10 अभियुक्तों को दोषी करार दिया था। बुधवार, 9 अक्टूबर यानी आज अदालत दोषियों पर अपना फैसला सुनाएगी। यह हत्याकांड उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था और राजनीति पर गहरा असर डालने वाला साबित हुआ था। अब सभी की नजरें आज के फैसले पर टिकी हैं, जो इस बहुचर्चित मामले में अंतिम निर्णय होगा।