भगवान राम का त्रेता युग के राज्याभिषेक जैसा होगा प्राण प्रतिष्ठा उत्सव

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प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान के वनवास से लौटने के दौरान न सिर्फ रामनगरी को बेहद खूबसूरती से सजाया जाएगा, बल्कि गांव के लोग भी नम्र नजर आएंगे। और उन्हें आतिथ्य सत्कार के रीति से बाँट लेना। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इन दिनों रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में होने वाले उत्सव की तैयारी में जुटा हुआ है।

22 जनवरी को प्रस्तावित उत्सव का बेसब्री से इंतजार कर रहे लोगों की स्मृति में एक महत्वपूर्ण दिन अंकित है। 15 से 24 जनवरी तक होने वाले प्राण प्रतिष्ठा उत्सव की तैयारी चल रही है, जो त्रेता युग में श्रीराम के राज्याभिषेक के जैसा हो सकता है। इस आयोजन में रामनगरी शहर की पारंपरिक आतिथ्य को उसकी पूरी महिमा में प्रदर्शित किया जा सकेगा।

समिति की बैठक में गहन विमर्श

हम यह भी देखेंगे कि लोग अपनी क्षमताओं के आधार पर भक्तों की आवभगत करते नज़र आएंगे। प्राण प्रतिष्ठा आयोजन समिति की बैठक में इस विषय पर गहन बातचीत हुई और उनका इरादा इन प्रयासों के माध्यम से इस क्षेत्र के निवासियों को और अधिक प्रोत्साहित करना है। इसका दायित्व आरएसएस, वीएचपी और संबंधित संगठनों पर रहेगा। और यह बात अब धीरे-धीरे जनता तक पहुंच रही है।

ट्रस्ट चाहता है कि लोग अपनी सर्वोत्तम क्षमता के साथ आगंतुकों का स्वागत करे। हालांकि, कई गणमान्य लोग प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर आने वाले लोगों का स्वागत करने के लिए पहले से तैयार हैं। प्राण प्रतिष्ठा में आए भक्तों को मठ-मंदिरों में ठहराने की व्यवस्था के लिए महंतों और प्रशासकों अनुमति भी दे दी।

अयोध्यावासी आने वाले लोगों के स्वागत को तैयार

ट्रस्ट के एक प्रतिनिधि ने बताया कि, लोग अपने-अपने घरों के आगे भोजन, चाय और कॉफी की दुकानें स्थापित करें। जिससे प्राण प्रतिष्ठा में आने वाले लोगों को खाने-पीने की दिक्कत महसूस न हो। इस बारे में ट्रस्ट जल्द ही आगे आकर लोगों से अपील कर सकता है। हनुमानगढ़ी के संत राजूदास ने कहते हैं, “हम अयोध्यावासी यहां आने वालों लोगों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं।”

अवध विश्वविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर प्रो. अजय प्रताप सिंह का कहना है कि आने वाले संतों, भक्तों का स्वागत करना हम सभी की जिम्मेदारी है। ट्रस्ट के सदस्य डॉ. अनिल कुमार मिश्र का कहना है कि मंदिर में जब श्रीराम विराजमान होंगे तो न केवल अयोध्या में बल्कि दुनिया भर में खुशी और उत्सव का माहौल होगा। इस ऐतिहासिक आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए अयोध्यावासियों को तैयार रहना होगा।